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जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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मुख्य न्यायाधीश पर हमला नहीं, भारत के संविधान पर हमला है: कांग्रेस

नेशनल आवाज़/बक्सर :- नगर के कांग्रेस कार्यालय पर प्रेस वार्ता किया गया.जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पर हुए हमले को लेकर काफी कड़ी निंदा कर आवश्यक कार्रवाई की भी मांग उठाई गयी.डॉ मनोज पांडेय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश का कृत्य केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि भारत के संविधान, उसकी आत्मा और सामाजिक न्याय के मूल्यों पर सीधा प्रहार है.

यह वही देश है जहाँ बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संविधान के माध्यम से हर व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान का हक़ दिया.आज जब एक दलित अपनी योग्यता और निष्ठा के बल पर देश की सर्वोच्च न्यायिक कुर्सी पर विराजमान है, तब एक विशेष विचारधारा को यह स्वीकार नहीं हो पा रहा है.डॉ पांडेय ने कहा कि

पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर आरएसएस-भाजपा मानसिकता से प्रेरित लोग मुख्य न्यायाधीश के विरुद्ध घृणा और ज़हर फैला रहे थे.उसी विषैली मानसिकता की परिणति यह घृणित जूता फेंकने की घटना है.डॉ मनोज ने कहा की

कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट मत है “यह जूता भारत की संवैधानिक अस्मिता पर फेंका गया है, बाबा साहेब के आदर्शों पर मारा गया है, और देश के दलितों के आत्मसम्मान पर मारा गया है.कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल सहित कांग्रेस पार्टी ने इस घटना की तीव्र निंदा की है और कहा है कि मुख्य न्यायाधीश महोदय पूरी निर्भीकता से हमारे संविधान और उसमें प्रदत्त शक्तियों के तहत अपने निर्णयों से संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करें समूचा भारतवर्ष आपके साथ खड़ा है.

रायबरेली में दलित युवक की हत्या उसी मानसिकता का प्रतिबिंब

उत्तर प्रदेश के रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की नृशंस हत्या ने देश को झकझोर दिया है.“रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की निर्मम हत्या सिर्फ़ एक इंसान की नहीं इंसानियत, संविधान और न्याय की हत्या है. आज भारत में दलित, आदिवासी, मुसलमान, पिछड़े और ग़रीब  हर उस व्यक्ति को निशाना बनाया जा रहा है, जिसकी आवाज़ कमज़ोर है.

जिसकी हिस्सेदारी छीनी जा रही है, और जिसकी ज़िंदगी सस्ती समझी जाती है.”देश में नफ़रत, हिंसा और भीड़तंत्र को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है, जहाँ संविधान की जगह बुलडोज़र ने ले ली है, और इंसाफ़ की जगह डर ने. भारत का भविष्य समानता और मानवता पर टिका है और यह देश चलेगा संविधान से, भीड़ की सनक से नहीं.कांग्रेस पार्टी स्पष्ट रूप से कहना चाहती है कि 

संविधान पर आक्रमण, दलितों पर अत्याचार और न्यायपालिका पर हमले  ये सब एक ही विचारधारा की देन हैं, जो भारत की आत्मा को कुचलना चाहती है.लेकिन भारत की जनता, बाबा साहेब के संविधान और उनके सपनों की रक्षा के लिए एकजुट खड़ी है.

प्रेस वार्ता में बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेिटी के पूर्व सचिव डॉ प्रमोद ओझा बक्सर जिला किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष निर्मला देवी, भृगुनाथ तिवारी ,संजय कुमार दुबे, ओमप्रकाश विद्यार्थी, अजय यादव सहित कई लोग उपस्थित थे.

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