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जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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सम्राट अशोक महान जयंती पर की गयी विचार गोष्ठी पढ़ाई के लिए छात्रों से की गयी अपील

नेशनल आवाज़/बक्सर :- चौसा प्रखण्ड क्षेत्र के बनारपुर गांव में सम्राट अशोक क्लब के तत्वावधान में शुक्रवार को विश्व विजेता सम्राट अशोक महान और देश के महान समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती समारोह पूर्वक मनाई गयी. कार्यक्रम का शुभारम्भ पंच शील दीप जलाकर अतिथियों की ओर से किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उमरेश कुशवाहा ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सभी को एकत्रित होकर अपने बच्चों को पढ़ाने कि आवश्यकता है.

शिक्षित होकर समाज के लोगों को मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि ज्योतिबाराव फुले ने अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को पढ़ाकर देश कि पहली महिला शिक्षिका बनाया था. जिनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. अभिमन्यु कुशवाहा ने कहा कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक का 304 ई.पू बिहार के पाटलिपुत्र में हुआ था.

सम्राट बिन्दुसार के पुत्र और मौर्य वंश के तीसरे राजा के रूप में जाने गए थे. चन्द्रगुप्त मौर्य की तरह ही उनका पोता भी काफी शक्तिशाली था. उन्होंने अपने राज्य को पुरे अखंड भारतवर्ष में फैलाया और पुरे भारत पर राज किया. बड़ा होने के बाद अशोक की सैन्य कौशल देखने को मिलने लगी थी. उनके युद्ध कौशल को और अधिक निखार देने के लिए शाही प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की गयी थी. इस प्रकार से अशोक को काफी कम आयु में तीरंदाजी के साथ अन्य जरुरी युद्ध कौशलो में काफी अच्छी महारत मिल चुकी थी.अपने काल में जो अशोक चिन्ह निर्मित किया था उसका स्थान आज भी भारत के राष्ट्रीय चिन्ह में है. इस दौरान सुजीत कुशवाहा, प्रदीप पहलवान, रोहित कुमार, शनि कुमार आदि ने भी अपने अपने विचार रखे.

 

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