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आशा कर्मियों ने बंद किया ओपीडी सेवा वापस लौटे मरीज




नेशनल आवाज़
राजपुर :- सीएचसी केंद्र परिसर में बुधवार की अहले सुबह पहुंची आशा कर्मियों ने अस्पताल परिसर में तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.नियमित खुलने वाले ओपीडी कमरे का ताला पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. सुबह 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक ओपीडी कमरे को पूरी तरह से बंद रखा गया. काम करने वाले कर्मी बाहर ही रह गए. समय होते ही रोगियों की जांच के लिए पहुंचे डॉ सुनील कुमार को भी ओपीडी कक्ष से बाहर से ही वापस लौटना पड़ा जो अपने चिकित्सक कक्ष में बैठकर ड्यूटी करने लगे.
अस्पताल परिसर में ही आशा संघ के अध्यक्ष सुधा देवी के नेतृत्व में बैठे आशा कर्मियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि सरकार जब तक से हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है. तब तक यह विरोध प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा.चिकित्सक कक्ष में बैठे डॉ सुनील कुमार ने भरखरा से पहुंचे मरीज कृष्णा पासवान,रूपापोखर गांव की शांति देवी, पवनी गांव के विश्वजीत राम का जांच कर बाहर से दवा लेने के लिए परची दिया गया.
वही एक अज्ञात मरीज की तबीयत खराब होने पर किसी ने अस्पताल पहुंचाया. जिसका प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया गया.विदित हो की प्रतिदिन ओपीडी में क्षेत्र के दर्जनों गांव से आने वाले लगभग 150 से अधिक रोगियों की जांच की जाती है. आशा कर्मियों के विरोध प्रदर्शन से सभी रोगियों को निजी क्लीनिक में जाकर इलाज कराना पड़ा.मातृत्व दिवस पर विभिन्न गांव से आने वाली गर्भवती महिलाओं का भी नियमित स्वास्थ्य जांच एवं टीकाकरण किया जाता है. इस बार विरोध प्रदर्शन से गर्भवती महिलाओं का भी स्वास्थ जांच पूरी तरह से प्रभावित है.
धरने पर बैठी आशा कर्मी की तबीयत हुई खराब
भूख हड़ताल पर बैठे आशा उषा देवी की काफी तबीयत खराब हो गयी. इन्हें डायरिया होने पर अस्पताल परिसर में ही डॉक्टर द्वारा इलाज किया गया. पिछले कई दिनों से आशा कर्मी रात को भी भूख हड़ताल पर बैठ कर धरना प्रदर्शन कर रही हैं. स्वास्थ्य विभाग के तरफ से संचालित टीकाकरण कार्य भी पूरी तरह से बाधित रहा है.आशा कर्मी स्वास्थ्य योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में इन दिनों कोई मदद नहीं कर रही हैं. उनका कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के तरफ से हमें जितना काम लिया जाता है. उसके बदले में हमें सिर्फ प्रोत्साहन राशि दी जाती है. काम के बदले उचित मानदेय मिलना चाहिए. महिलाओं के साथ सरकार अनदेखी कर रही है. जब तक से महिलाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया जाएगा. तब तक स्वास्थ योजनाएं प्रभावित रहेंगी.
क्या बोले अधिकारी
आशा कर्मियों के विरोध प्रदर्शन से रोगियों को परेशानी हो रही है. जनहित में देखते हुए आशा कर्मियों से आग्रह किया गया कि स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रभावित ना करें. आने वाला मरीज किसी के भी घर का हो सकता है .मानव जीवन को बचाना जरूरी है.– डॉ अशोक कुमार ,चिकित्सा प्रभारी राजपुर