नेशनल आवाज़/चौसा :- नगर पंचायत चौसा के चौसा बाजार स्थित रामलीला मंच पर विजयादशमी महोत्सव के तहत चौसा रामलीला समिति के तत्वाधान में सोमवार से रामलीला प्रारंभ हो गया. जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि रामलीला समिति के संयोजक पूर्व मुखिया बृजबिहारी सिंह के द्वारा गणेश पूजन व दीप प्रज्वलित कर किया. अपने उद्भोद्न में संयोजक ने कहा कि रामलीला के सभी पात्रों का अपना विशेष स्थान है. मनुष्य जब रामायण की पात्रों का सही अनुकरण करता है तो स्वच्छ व सुशील समाज में स्वयं अनुकरणीय बन जाता है. इस प्रकार के आयोजनों से समाज में आपसी एकजुटता कायम होता है.
रामलीला के पहले दिन नारद-मोह उर्फ विश्व सुंदरी प्रसंग का मंचन किया गया. जिसमें दिखाया गया कि शादी के लिए नारद मुनि हिमालय में तपस्या करते है . तपस्या को भंग करने के लिए इंद्र व विष्णु द्वारा मायाजाल फैलाया जाता है फिर भी नारद की तपस्या भंग नहीं होती . सुंदर स्त्री पाने के लिए नारद नरायण से अपने लिए सुंदर रूप मांगते है और नरायण उन्हें बंदर का रुप दे देते है. बंदर रुपी नारद को देख सभी देवी देवता उनका उपहास करने लगते है जिससे क्रोधित नारद नरायण को श्राप दे देते है. कामदेव पर विजय प्राप्त करने की गाथा सुनाने भगवान शिव के पास पंहुच गए. देवर्षि का अहंकार भाव देखा भोलेनाथ ने नारद को भगवान विष्णु से इसकी जानकारी देने से रोका. किन्तु, कौतूहल के वशीभूत नारद भला कहां मानने वाले थे. वह क्षीर सागर भी पहुँच गए और अपने पौरुष का यशोगान किया. भगवान ने उन्हे बधाइयाँ दी और वहाँ से विदा किया. पर, रास्ते मे माया से एक सुंदर नगर बसा दिया जहां शील वाहन नाम के राजा का शासन था.
उनकी पुत्री अत्यंत सुंदर थी. नारद को राजा ने राजमहल मे बुलाया और पुत्री का भाग्य जानना चाहा. पर, भगवान की माया के जाल मे नारद फंस गए. अंत में उनका अहंकार चूर-चूर हो गया.स्थानीय युवकों के द्वारा मंचन किये गये नारद मोह लीला को देख उपस्थित सैकड़ों दर्शक आनंद विभोर हो गदगद हो गये. इस दौरान वार्ड पार्षद चंदन चौधरी, गोविंद हमदर्दी, रामदास गुप्ता, हरभजन सिंह, राज कुमार, उदय यादव, बंसीधर सिंह, विशंभर सिंह, रबिश जयशवाल , गुड्डू केशरी, शहाबुदीन राइन, श्रीभगवान कुशवाहा, आकाश पांडेय, भिखारी प्रजापति आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे.