पराली जलाने वाले क्षेत्र के कर्मी होंगे निलंबित : डीएम
कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई 15 कर्मियों का डीएम ने रोका वेतन
नेशनल आवाज़
बक्सर :- जिले में जलवायु परिवर्तन एवं हीटवेव से परेशानी बढ़ गई है. बढ़ रही प्रदूषण की मात्रा को देखकर जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल काफी सख्त हो गए हैं.इन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि अपने क्षेत्र में निगरानी रखें. पराली जलाने को लेकर कृषि विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है.जिसमें पन्द्रह कृषि समन्वयकों का वेतन बंद कर दिया गया है. दोषी कर्मियों पर निलंबन की कार्रवाई की जा रही है. जिला कृषि पदाधिकारी बक्सर ने बताया कि दोषी पन्द्रह कर्मियों के उपर पराली जलाने में संलिप्त किसानों का कृषक पंजीकरण ब्लाॅक नहीं करना तथा आईपीसी की धारा 133 के तहत कार्रवाई नहीं करने का आरोप है. अगर अन्य कर्मियों द्वारा भी इस तरह का रवैया अपनाया जायेगा तो सम्बंधित कर्मियों पर भी कार्रवाई होनी तय है. आगे उन्होंने कहा कि किसानों को बार-बार पराली नहीं जलाने का आग्रह करने के बावजूद अगर किसी किसान द्वारा पराली जलाने का मामला संज्ञान में आयेगा तो उन पर भी सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. पराली जलाने से होने वाले नुकसान को कृषि विभाग के तरफ से किसानों के बीच विभिन्न माध्यमों से प्रचारित किया जा रहा है.फिर भी किसान इसे गम्भीरता से नहीं ले रहे है.जिसका परिणाम है कि बक्सर जिला सर्वाधिक तापमान के मामले में टाॅप पर है.जिले के विभिन्न ईलाकों से पराली जलाने को लेकर मिल रही शिकायत के आधार पर कर्मियों पर कार्रवाई हुई है.
क्या होती है पराली:- जब भी कोई धान, गेहूॅं इत्यादि फसल कटती है तो उसे जड़ से नहीं उखाड़ा जाता है, बल्कि जड़ के उपर का कुछ ईंच का हिस्सा छोड़कर मशीन द्वारा फसल की कटाई की जाती है.अधिकांश किसान जानकारी के अभाव में छूटे हुए फसल के हिस्से को जला देते हैं, जिसे पराली जलाना कहते हैं.
कितना खतरनाक है पराली जलाना :- पराली जलाने से कार्बन मोनो ऑक्साइड, कार्बन डाई ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसे निकलती है, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण होता है. इसका मानव स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है. जिससे त्वचा एवं आखों में जलन, गंभीर तंत्रिका संबंधी, हृदय संबंधी, श्वसन इत्यादि रोग हो सकते हैं. साथ ही पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद लाभदायक कीट के नाश के साथ-साथ मिट्टी भी बंजर हो रही है.
पराली प्रबंधन:- पराली प्रबंधन पर विभाग द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं. पराली प्रबंधन में स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, स्ट्रा बेलर, सुपर सीडर, रोटावेटर, जीरो टिल सीड ड्रील, मल्चर, हैप्पी सीडर इत्यादि यंत्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है. इन यंत्रों पर कृषि विभाग द्वारा आकर्षक अनुदान भी दिया जा रहा है.
पराली जलाने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई
कृषि विभाग द्वारा निर्णय लिया गया है कि जिस किसान के खेत पर पराली जलते हुए पाया जाता है तो उस किसान के पूरे परिवार का कृषक पंजीकरण सम्बंधित पंचायत के कृषि समन्वयक द्वारा ब्लाॅक कर दिया जायेगा. इसके उपरांत भी अगर कृषक पराली जलाते हैं तो सम्बंधित किसान पर आईपीसी की धारा 133 के तहत सुसंगत कानूनी कार्रवाई की जायेगी. अगर सम्बंधित ही पराली जलाने वाले किसानों पर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं.तो सम्बंधित कर्मियों पर भी सुसंगत कार्रवाई की जायेगी. जिसमें कर्मी निलंबित के साथ-साथ बर्खास्त भी हो सकते हैं.