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मुझे नौकरी चाहिए भरोसा और दिलासा नहीं : मुकेश सहनी

निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा के दौरान केंद्र सरकार पर जमकर बरसे वीआइपी प्रमुख

सभा स्थल पर मुकेश सहनी को देखने के लिए जुटी भींड़

नेशनल आवाज़ /चौसा :- निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा पर चौसा पहुंचे वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी का लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. मंच पर खूब नाच गान हुए और भीड़ जुटाने की कोशिश भी की गई. चौसा हाईस्कूल खेल मैदान पर बुधवार को केशव व्यास चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा कार्यक्रम में पहुंचे वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.

सहनी ने कहा कि रोजगार देने का वादा कहा गया. मुझे नौकरी चाहिए भरोसा औऱ दिलासा नहीं. लिहाजा सरकार 10 फीसदी आरक्षण तय करे, तब जाकर कोई बात होगी. अपनी मांग को लेकर निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा पर निकले सन ऑफ मल्लाह को पगड़ी व अंग वस्त्र देकर चौसा प्रखंड के कार्यकर्ताओं के द्वारा सम्मानित किया गया.

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख व पूर्व मंत्री मुकेश सहनी इन दिनों अपनी निषाद आरक्षण संकल्प यात्रा पर निकले हैं. सहनी ने मौके पर मौजूद लोगों को हाथ में गंगाजल देकर वीआईपी पार्टी को साथ देने और निषादों को आरक्षण दिलाने के लिए संकल्प करवाया. इस दौरान कई स्थानों पर बड़ी संख्या में युवाओं ने मोटरसाइकिल पर सवार होकर सहनी की अगुवानी की.

मुकेश सहनी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि पिछले कई चुनावों में निषाद के बेटों ने अपनी ताकत का एहसास करा दिया है.अब गंगाजल हाथ में लेने के बाद उन दलों को इसका भी एहसास हो गया है कि निषादों का वोट अब बिकेगा नहीं. उन्होंने कहा कि अब संघर्ष के साथ निर्णय लेने का भी समय आ गया है. आज समय आ गया है कि दोस्तों के साथ अगर कृष्ण-सुदामा की तरह दोस्ती निभाई जाए तो दुश्मनों को ईंट का जवाब पत्थर से भी दिया जाए.

जो हमारी बात नहीं सुनेगा उसकी बात हम भी नहीं सुनेंगे. सहनी ने निषाद आरक्षण के लिए अंतिम दम तक संघर्ष करने का वादा करते हुए कहा कि मेरी इच्छा सिर्फ बस इतनी है कि गरीब और निषाद का बेटा भी सिर उठाकर जिंदगी जिए. सहनी ने लोगों को संबोधित करते हुए साफ संदेश दे दिया कि उन्हें निषाद आरक्षण के अलावा कोई शर्त मंजूर नहीं.

हमें प्रधानमंत्री नहीं बनना, हमें निषाद आरक्षण चाहिए. उन्होंने लोगों को अपने समाज के लिए संघर्ष करने तथा साथ देने की अपील करते हुए कहा कि आज तक आपने सभी को वोट दिए होंगे, लेकिन कभी भी वे परेशानी में नहीं आए. आपके हक और अधिकार की बात तक नहीं की. आज हम आपके हक और अधिकार के लिए लड़ रहे हैं. आप अपने बेटे को, अपनी पार्टी को वोट दीजिए तभी वह आपका हक और आपका अधिकार दिलाएगा.

उन्होंने कहा कि अगर हमारे पूर्वजों ने अपना नेता बनाया होता तो आज हमें परेशानी नहीं होती. हमारा वोट लेकर लोग प्रधानमंत्री बनते हैं लेकिन जब आरक्षण और बेटे को नौकरी देने की बात होती है तो पीछे हट जाते है और डंडा चलाते हैं. कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि अब हमें अनाज नहीं बेटे के लिए नौकरी चाहिए अपना अधिकार चाहिए. अब निषाद जग चुका है और वह अपना वोट नहीं बेचेगा. जो दोस्त होगा उसे वोट देगा और जो दुश्मन होगा उसे हराने के लिए संघर्ष करेगा.

मंच से लोगो को संबोधित करते हुए कहा क निषाद समाज काफी पीछे है. दुनिया चांद पर घर बना रही है और निषाद आज भी बेघर हैं. टूटी फूटी झोपड़ी और मड़इयों में रहने को मजबूर है. अगर इस स्थिति को बदलना है तो दो काम करने होंगे. पहला अपने बच्चों को हर हाल में शिक्षित बनाना, और दूसरा अपने हक की लड़ाई लड़ने को हमेशा तैयार रहना. भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा की उन्होंने कहा कि भाजपा को दुश्मनी मुझसे नहीं निषादों से है.

2020 में जिस सरकार को हमने बनाया, उसे भाजपा वालों ने उनके चारों विधायकों को खरीद लिया और उन्हें सरकार से बाहर कर दिया. भाजपा को मुकेश साहनी से तकलीफ नहीं था, उनको तकलीफ था निषाद समाज से. उन्हें अभी भी डर है कि अगर मुकेश सहनी ने समाज को जगा दिया, तो यह मालिक बन जाएगा. इस समाज को गुलाम बनाना है तो इस समाज का आवाज को दबाना पड़ेगा. लेकिन यह आवाज दबने नही दी जाएगी.

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