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Kisan protest

रेल लाईन के कार्य को रैयतों ने कराया बंद मुआवजा देने की मांग पर अड़े किसान

नेशनल आवाज़/बक्सर :- चौसा में निर्माणाधीन 1320 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट के लिए  ट्रेन से कोयला लाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कोयला डंप करने के लिए चौसा रेलवे क्रासिंग 78\ए के पास एक तीसरी रेल लाइन बिछाने का कार्य तेजी से जारी है. परंतु रेल लाईन बिछाने हेतू रेलवे द्वारा सीमांकन कर माफी कर ली जानेवाली किसानों की अतिरिक्त भूमि का मुआवजा राशि नहीं मिलने पर रैयती किसानों ने लाईन बिछाने के कार्य को बंद करा दिया गया है.

किसानों ने बताया कि कार्य बंद कराने की सूचना पर रविवार की देर शाम दानापुर डीआरएम सैलून से मौके पर पहुंचे और कहा कि अगर रेलवे की भूमि से एक इंच भी भूमि किसानों की ली जा रही है तो उसका मुआवजा एसजेवीएन कंपनी को देना है. तीसरी रेल लाईन बिछाने का काम भले ही रेलवे द्वारा कराया जा रहा है. रेलवे अपनी भूमि पर ही काम कराएगा. अगर आप किसानों की भूमि इस कार्य में ली जा रही है तो इसका मुआवजा रेलवे नहीं देगा. आप एसजेवीएन कंपनी से मुआवजा की मांग कर सकते है. डीआरएम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि आप अपनी जमीन में काम रोकने के लिए स्वतंत्र है.

किसानों ने कहा कि गत जून माह में रेलवे द्वारा गलत सीमांकन को ले किसानों में आक्रोश को देखते हुए दानापुर डीआरएम के निर्देश पर रेलवे की जमीन की मापी की गई थी. जहां रेलवे के अधिकारियों के साथ चौसा अंचल के सीओ और रैयातदार किसान मौजूद रहे. जिनके मौजूदगी में रेलवे द्वारा अपने नक्शे जमीन को तीन फेज में मापी किया गया था. फस्ट फेज की मापी अप ट्रैक से दक्षिण की तरफ मापी कराई गई थी. जिसमें रेलवे की जमीन 40 है तो कहीं45, तो कही 80 तो कही 90 फिट है. परंतु रेल बिछाने का कार्य रैयतों के खेतों में भी कराया जा रहा है. जिसका मुआवजा तक नहीं मिला है. किसान रविंद्र नाथ उपाध्याय, गोपाल उपाध्याय, अशोक सिंह, लाल साहेब उपाध्याय, राम अवध सिंह, सुरेंद्र उपाध्याय, हृदयनरायण चौबे, श्रीभगवान उपाध्याय, चंदामा सिंह, राम अवतार सिंह, महेंद्र सिंह आदि ने बताया की अगर हमारी जमीन में तीसरी लाईन बिछाने का कार्य कराना है तो पहले मुआवजा देना होगा. वरना हमलोग  तीसरी लाईन को नहीं बिछने देगें.

 

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