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जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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Education

वर्तमान परिवेश में तकनीकि शिक्षा का महत्व विषय पर हुआ विचार गोष्ठी क्विज प्रतियोगिता में छात्रों ने दिखायी प्रतिभा

नेशनल आवाज़/बक्सर :- जिले के राजपुर प्रखंड के अकोढ़ी गांव में सम्राट अशोक क्लब के तत्वाधान में प्रकाश दिवस के अवसर पर वर्तमान परिवेश में तकनीकी शिक्षा का महत्व विषय पर विचार गोष्ठी की गयी. इसकी अध्यक्षता महेंद्र मौर्य एवं संचालन चंद्र प्रकाश मौर्य व ऋषिकेश मौर्य ने संयुक्त रूप से किया. इस विषय बिंदु पर प्रकाश डालते हुए राज्य महादलित आयोग के प्रदेश अध्यक्ष संतोष कुमार निराला ने कहा कि भगवान बुद्ध ने दुनिया में शांति का संदेश देकर सबको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया था.

कार्यक्रम में भाग लेते अतिथिगण

आज उन्हीं के रास्ते पर चलकर सरकार अपने लक्ष्य को पूरा कर रही है. शराबबंदी अभियान को लागू कर लोगों के बीच आपसी समरसता काम किया है. अभी भी सरकार जनहित में कई महत्वपूर्ण कार्य को कर रही है.सम्राट अशोक परिवार के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर विजय बहादुर मौर्य ने कहा कि हमारे जीवन में तकनीकी शिक्षा का बहुत  बड़ा महत्व है. किसी भी ज्ञान को व्यावहारिक रूप में प्रयोग करने की प्रक्रिया को तकनीक कहते हैं.जिस तरह विज्ञान के युग में इलेक्ट्रिसिटी की खोज के बाद आज हमारी जीवन शैली बदल गयी है.

कार्यक्रम प्रस्तुत करती छात्राएं

यह संचार प्रणाली में भी आगे है.इन्होंने यह संदेश दिया कि कोई भी व्यक्ति जो किसी भी बात को अगर सुनते हैं तो उससे पहले उसको समझाना पड़ेगा. प्रयोग और परीक्षण की कसौटी पर कसना पड़ेगा अगर सत्य होता है तो मानिए. अगर गलत होता है तो उसे छोड़ दीजिए. वह परंपरा, धार्मिक कथन, सामाजिक कथन, राजनीतिक या शैक्षिक हो किसी तरह का भी हो अगर प्रयोग और परीक्षण पर सही उतरता है उसी को माने.सामाजिक कार्यकर्ता सत्यनारायण मौर्य ने कहा कि प्रकाश पर्व मनाने की परंपरा बहुत पुराना है.जब भगवान गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी.

क्विज प्रतियोगिता में भाग लेते ग्रामीण छात्र

ज्ञान प्राप्ति के बाद वह अपने राज्य में कपिलवस्तु में चतुर्दशी को ही पहुंचे थे और उस दिन वहां के लोग उनके आगमन पर पूरे राज्य में सफाई के बाद दीप का उत्सव मनाया गया. तभी से यह प्रकाश उत्सव दीपावली के रूप में लोग धीरे-धीरे मनाने लगे. जब सम्राट अशोक का समय आया. सम्राट अशोक ने इस पर्व को पूरा व्यापक पैमाने पर जहां तक उनके राज्य था और जितने जगह अशोक स्तंभ थे.जो भी भगवान बुद्ध से संबंधित स्थल थे.

इसको दीपावली के रूप में उन्होंने इसकी शुरुआत की. तब से इस पर्व को पूरे देश में व्यापक पैमाने पर यह  दीपावली मनाया जा रहा है. सम्राट अशोक क्लब द्वारा आयोजित क्विज प्रतियोगिता में सफल होने वाले छात्र-छात्रा को सम्मानित किया गया. वर्ग पांच से आठ तक में सफल होने वाले छात्रों में अंतिमा कुमारी, नीतीश कुमार, शिवम कुमार, अर्चना कुमारी, अमृता कुमारी ,मनीषा, खुशबू ,प्रीतम ,आकाश, रागिनी ,सपना को प्रमाण पत्र एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. इस मौके पर केदार मौर्य, रविंद्र मौर्य, संजय सिंह, भरत सिंह ,सोनू कुमार के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे.

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