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ठंढ से बचाव के लिए आपदा प्रबंधन ने बचाव के लिए दिया सुझाव

नेशनल आवाज़/बक्सर :- जिले में ठंढ का कहर तेज हो गया है.कई दिनों से धूप नहीं निकलने से तापमान में लगातार गिरावट आ रही है.जिससे बचना लोगों को जरूरी है. मौसम में सामान्यता दिसम्बर माह के अंतिम सप्ताह से जनवरी माह के तीसरे सप्ताह तक शीत लहर का प्रकोप रहता है. सामान्यता यदि तापमान 7 डिग्री सेल्सियस से कम हो जाय तो इसे शीत लहर की स्थिति माना जाता है.शीत लहर से मानव एवं पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. अतएव शीत लहर से बचाव हेतु जन साधारण को निम्नानुसार सलाह दी जा रही है.

शीत लहर या ठंड लगने पर व्यक्ति में निम्न लक्षण उत्पन्न होते हैः-

1. शरीर का ठंडा होना एवं इसके अंगों का सुन्न पड़ना।

2. अत्यधिक कपकपी या ठिठुरन।

3. बार-बार जी मिचलाना या उल्टी होना।

4. अर्द्धबेहोशी की स्थिति अथवा बेहोश होना।

 

शीत लहर या ठंड से बचाव के उपायः-

क्या करेंः-

1. अनावश्यक घर से बाहर न जाएँ और यथासंभव घर के अंदर सुरक्षित रहें (विशेषकर वृद्ध एवं बच्चे)।

2. यदि घर से बाहर जाना आवश्यक हो तो समुचित ऊनी एवं गर्म कपडे़ पहन कर ही निकलें। बाहर निकलते समय अपने सिर, चेहरे, हाथ एवं पैर को भी उपयुक्त गर्म कपडे़ से ढक लें।

3. समाचार पत्र/रेडियो/टेलीविजन के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहें।

4. शरीर में उष्मा के प्रवाह को बनाये रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करें।

5. बंद कमरों में जलती हुई लालटेन, दीया एवं कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुएँ के निकास का उचित प्रबंध करें। प्रयोग के बाद इन्हें अच्छी तरह से बुझा दें।

6. हीटर, ब्लोअर आदि का प्रयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना न भूलें अन्यथा यह जानलेवा हो सकता है।

7. राज्य सरकार शीत लहर के समय रात्रि में सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करती है, जिसका लाभ उठाकर शीत लहर से बचा जा सकता है।

8. राज्य सरकार द्वारा शहरी क्षेत्रों में बेघरों के लिए रैन-बसेरों का प्रबंध किया जाता है, जहाँ कबंल/बिस्तर आदि उपलब्ध रहते हैं। इन सुविधाओं का प्रयोग करें।

9. उच्च रक्तचाप एवं मधुमेह के मरीज तथा हदृय रोगी चिकित्सक की सलाह जरूर लेते रहें तथा सामान्यता धूप होने पर ही घर से बाहर निकलें।

10. विशेष परिस्थिति में नजदीकी सरकारी अस्पताल से अविलंब चिकित्सा परामर्श लें।

11. पशुओं के बथान गर्म रखने की समुचित व्यवस्था करें। पशुओं को ठंड लगने पर पशु अस्पताल/पशु चिकित्सक की सलाह लें।एम्बुलेंस की सहायता लेने हेतु दूरभाष संख्या 102 या 108 पर सम्पर्क करें।

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