चौसा पीओ अजय सहाय को मिला बिहार गौरव सम्मान
मनरेगा मजदूरों को काम के साथ अक्षर बोध कराने के लिए हुए सम्मानित
नेशनल आवाज़ /चौसा. लाखों श्रमिकों को अक्षर बोध ज्ञान करा चुके कार्यक्रम पदाधिकारी अजय सहाय को खेल दिवस के उपलक्ष्य में पटना में आयोजित एक समारोह में 2023 का बिहार गौरव सम्मान पुरस्कार दिया गया. पटना में आयोजित 28अगस्त को एक कार्यक्रम में चौसा में कार्यक्रम पदाधिकारी रह चुके अजय सहाय को बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ द्वारा बिहार गौरव सम्मान का पुरस्कार दिया गया.
यह सम्मान अजय सहाय के पिछले 20वर्षों के मनरेगा पदाधिकारी पद पर विभिन्न जिलों में रहते अपनी सेवा के दौरान डिजिटल इंडिया विचार से प्रेरित होकर 7app बनाकर देश के लाखों ग्रामीण जनता को डिजिटल इंडिया से जोड़ने, डिजिटल इंडिया को जमीनी स्तर पर लागू करने का प्रयास करने, कोविड-19 के संक्रमण काल में प्रवासी श्रमिकों के लिए मनरेगा प्रवासी रोजगार ऐप बनाकर हजारों लोगों को मनरेगा से जोड़ने और मनरेगा योजनाओं में श्रमिकों को 100दिन रोजगार की गारंटी दिलाने के साथ आगे भी यह कार्य तब तक जारी रखने जब तक देश के ग्रामीण जनता तक डिजिटल इंडिया के मदद से सरकारी योजनाओं का लाभ ना पहुंच सके. इस संकल्प को अजय सहाय जहाँ भी रहे है वहाँ दोहराते नजर आते है.
बिहार गौरव सम्मान 2023 का पुरस्कार मिलने पर अजय सहाय ने बताया कि ग्रामीण अशिक्षा से डिजिटल ग्रामीण शिक्षा तक विगत दो दशकों से बिहार के विभिन्न जिलों में अशिक्षित ग्रामीण श्रमिकों को अंगूठा निशान के स्थान पर विभिन्न बस्तियों में अपने वेतन से स्लेट देकर डेढ़ लाख( 18 वर्ष से लेकर 80 साल ) ग्रामीण श्रमिकों को नाम लिखने का अभ्यास करा चुके है. साथ में अक्षर बोध ज्ञान का भी अभ्यास कराया गया ग्रामीण परिवेश में लगभग सभी ग्रामीण परिवार के पास एंड्राइड मोबाइल है.
मैंने अपने वेतन से 7app बनाकर लगभग 500000 ग्रामीण परिवार को मनरेगा कार्य के लिए डिजिटल इंडिया से जोड़ा. अशिक्षित ग्रामीण श्रमिकों को नाम लिखने का अभ्यास के बाद डिजिटल इंडिया से मनरेगा आईसी ऐप और मनरेगा नवाचार ऐप द्वारा जोड़ा गया मनरेगा आईईसी ऐप में केवल मनरेगा योजना संबंधित वीडियो है जिसे देखकर अशिक्षित श्रमिक मनरेगा संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
मनरेगा नवाचार ऐप में अशिक्षित ग्रामीण श्रमिकों के लिए एक आईडिया दिया गया है मनरेगा नवाचार ऐप में Mgnrega संबंधी जो लिखित विवरण है उसे वह पढ़ नहीं सकते हैं. बगल में बटन दिया गया है बटन दबाने से जो भी लिखा है वह अशिक्षित ग्रामीण श्रमिकों के पास आवाज के रूप में सुनाई देना शुरू हो जाता है. फिलहाल मुजफ्फरपुर जिले के पारू प्रखंड में मनरेगा पदाधिकारी के रूप में मौजूद अजय सहाय ने कहा कि आगे भी श्रमिकों को साक्षर करने और डिजिटल इंडिया से जोड़ने का प्रयास जारी रहेगा.