बिहार की महिला सड़क पर है नहीं सुन रही सरकार ,बुजुर्गों का हो रहा अपमान : विधायक अजीत






नेशनल आवाज़ :- बिहार विधानसभा में बजट पर हो रही चर्चा में माले विधायक अजीत कुमार सिंह ने कहा की निराशाजनक बजट बिहार को हताश कर दिया है.बजट में पिंक का बहुत नाम लिया गया. बिहार की महिलाएं सड़क पर है. उनकी बातों को नजरअंदाज किया जा रहा है. आशा, रसोईया आंदोलन कर रही है. इनके मानदेय को नहीं बढ़ाया गया. यह पिछले कई वर्षों से अपनी मांग कर रहे हैं. इनका कुछ नहीं सुना गया.70 की उम्र के पास पहुंचे मुख्यमंत्री ने वृद्ध जनों एवं विधवाओं के बारे में नहीं सोचा है.
जिन्हें महज आज इस महंगाई के दौर में भी सिर्फ 400 रुपये प्रति माह दिया जाता है, जो इसके गुजारा भत्ता के लायक नहीं है. इन्हें कम से कम 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन देना चाहिए. बिहार में मजदूरों की हालत बहुत खराब है. यह मैं नहीं बल्कि सरकार भी मान रही है. बजट में बिहार के मजदूरों के पलायन पर चर्चा की गई जो बिहार पलायन के रूप में है.लाखों मजदूर पलायन कर बाहर जा चुके हैं.फिर भी आज उनसे संबंधित बजट में कुछ नहीं है. किसानों का एमएसपी बहुत कम है.स्वास्थ्य व्यवस्था पर चर्चा कर सरकार ने वाहवाही भी लूटी है.हैरत की बात है कि जिस बिहार के अस्पताल में सिर्फ एक डॉक्टर है. वह एक महीने में कितने रोगियों की जांच करेंगे. ग्रामीण क्षेत्र की बात करें तो एक पीएचसी पर एक डॉक्टर या सिर्फ एक स्वास्थ्य कर्मी है,या फिर कहीं-कहीं टीकाकरण की सिर्फ व्यवस्था है.इस बजट में विशेष कुछ खास नहीं रहा.

