प्रभावित किसानों ने मांगों के समर्थन में उठायी आवाज़ किसानों ने कहा बरगलाना बंद करें कंपनी और प्रशासन
धरनार्थी साथी के असामयिक मौत पर धरनास्थल पर किया गया शोक प्रकट
नेशनल आवाज़ /चौसा :- प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा, चौसा (बक्सर) के बैनर तले 17अक्टूबर 2022 से 11सुत्री मांगों को लेकर बक्सर-कोचस स्टेट हाईवे के किनारे मुरा बाबा स्थल के पास चल रहा किसानों का आंदोलन सोमवार को 421वें दिन भी जारी रहा. जिसकी अध्यक्षता इंटक के प्रदेश महासचिव रामप्रवेश सिंह यादव तथा संचालन शिवजी तिवारी ने किया. धरना की शुरूआत किसान आंदोलन के मुख्य स्तंभ व भूतपूर्व सैनिक खेदन चौधरी के असामयिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की गई. तथा धरना स्थल पर पार्थिव शरीर को रख कर दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत साथी की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई.
इंटक के प्रदेश महासचिव रामप्रवेश सिंह यादव ने कहा कि जिला प्रशासन तथा STPL कंपनी की तानाशाही रवैया से अबतक हमारे 12 धरनार्थी साथी असमय शहीद हो चुके है. उन्होने कहा की खेदन चौधरी फौज में अपनी 25 वर्ष के सेवा काल में देश की सीमा पर दुश्मनों के साथ लोहा लिए थे. 14 माह से चल रहे अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण धरना में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे. इनकी सहादत विफल नही होने दिया जाएगा. धरनारत किसान वक्ताओं ने कहा कि वाटर पाईप लाइन, रेल कॉरीडोर तथा अतिरिक्त जमीन का एलायमेंट बदलकर अन्य मार्ग चिन्हित करने को लेकर वार्ता हो. पुर्व मे अर्जित 1058 एकड़ जमीन अधिग्रहण मे विधी सम्मत R&R POLICY का लाभ उन किसान खेतिहर मजदूर बेरोजगार नौजवान को तत्काल प्रभाव से लाभान्वित करके काम करना होता है.
जिला प्रशासन तथा STPL कंपनी के वरीय पदाधिकारी के साथ जिला सभागार में समन्वय समिति की बैठक में भी किसानों की समस्याओं पर कोई ठोस चर्चा नहीं किया जा रहा. जिलाधिकारी द्वारा लिया गय समय भी अब समाप्त हो चुका है. अभी तक कोई भी मांग पर पहल नही हुआ. अब धरनार्थियो का धैर्य खत्म हो रहा है और आगे रणनीत पर चर्चा शुरू हो गया है.
पुर्व मे अर्जित भुमि मे हुई अनियमितताओ मे किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान अपनी विधि सम्मत मांग मांग रहा है कोई उनसे भीख नही मांग रहा है. अब किसी भी सूरत में वाटर पाईप लाइन, रेल कॉरीडोर तथा अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण नही होने देंगे. STPL कंपनी अपना एलायमेंट बदलकर अपना वैकल्पिक मार्ग चुने.
आज के प्रमुख वक्ताओ मे शर्मा तिवारी,शिवदयाल सिंह,धनजी यादव,लालजी कुशवाहा,लक्ष्मण साह,नसीरूद्दीन साह,टुन्नु ठाकुर,गोरख नाथ पांडेय,जितेंद्र राय,लेदा चौधरी,लालजी चौधरी,श्यामलाल चौधरी,सियाराम सिंह यादव,अनिल दुबे,नन्द कुमार शर्मा,राजनारायण चौधरी,भैरव राय,बिन्दा देवी,पुनिया देवी,सीताराम गोंड,रामाकांत राजभर,गोविंद साह,केशव चौधरी,उपेंद्र पासवान,लक्ष्मण चौधरी,नखणु चौधरी,छेदी राजभर,रामबलि राजभर,ओमकार चौहान सहित सैकड़ों किसान/मजदूर मौजूद रहे.