मताधिकार बचाओ- लोकतंत्र बचाओ नारों के साथ आइसा व आरवाईए ने निकाला आक्रोश मार्च




नेशनल आवाज़/बक्सर :- बिहार के करोड़ों युवाओं-गरीबों-मजदूरों का मताधिकार छीनने की साजिश के खिलाफ आइसा-आरवाईए का राज्यव्यापी आक्रोश दिवस बुद्ध स्मृति पार्क के समीप किया गया. नगर में ज्योति चौक पर विरोध प्रदर्शन हुआ.इसका संचालन आइसा बक्सर नगर अध्यक्ष अखिलेश ठाकुर ने किया.इन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार का 50-80 प्रतिशत छात्र-युवा शिक्षित -बेरोजगार सहित एक वक़्त की रोटी हासिल करने की संघर्ष कर रहे है.
ऐसे में बिहार इलेक्शन कमिशन का संघी फरमान गरीब शोषितों के लोकाधिकार व मताधिकार पर हमला है. अगर ये 11 दस्तावेज देने होंगे खुद को भारतीय साबित करने के लिए तो इलेक्शन आयोग की बॉडी को सबसे पहले दस्तावेज दिखाने चाहिए. ये कौन लोग है इसकी जानकारी बिहार वासियों को होनी चाहिए.
भाजपा शासित प्रदेश में एजेंट जिसके तहत लोकतंत्र के बुनियाद पर संघी संकट का हस्तक्षेप है. यह मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण नही बल्कि सीधी तौर पर करोड़ों गरीब शोषितों छात्र-युवाओं का दमन है.आरवाईए के जिला संयोजक राजदेव सिंह व आइसा राज्य उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष अनुप शर्मा ने संयुक्त बयान देते हुए कहा कि नए बिहार के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, पेंशन भुगतान आदेश,10वी. अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व जैसे सरकारी दस्तावेजों को अमान्य सिद्ध कर दिया गया है.
विदित हो कि बीएलओ के पास भी ऐसे कई पेपर नही है वह भी वोट देने से वंचित है. संविधान के मूल भावना पर सीधा प्रहार है.करोड़ों नागरिक छात्र- नौजवान, प्रवासी मजदूरों सिर्फ एक महीने के भीतर जमा लेने की तानाशाही प्रणाली केवल तुगलकी फरमान को ही दर्शाता है. गरीबो की वोटबंदी का कारण 11 दस्तावेज मांगे गये हैं.
जिसमें से अधिकांश दस्तावेज आम नागरिकों के पास नही होगा और विशेष रूप से ग्रामीण, गरीब व वंचित वर्ग सहित अन्य वर्ग के छात्र-युवा वोट प्रक्रिया में शामिल नही हो पाएंगे.इस मौके पर नगर सचिव अंकित सिद्धार्थ, जिला सह सचिव विवेक कुमार, पवन भारती, गणेश, मिथुन, सुधीर, महफूज आलम, जीउत बिहारी, राजू जी, रामजी सिंह,राज करन तथा अन्य साथी शामिल हुए.