Slide
जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
Slide
एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
Slide
अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
Slide

सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

Slide
क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
previous arrow
next arrow
politics

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अमित शाह पर 150 डीएम को धमकाने का लगाया आरोप चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान राजनीतिक गलियारों में बढ़ी हलचल

नेशनल आवाज़ :- लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब सबकी निगाहें मतगणना पर टिकी हुई है.इसी बीच चुनाव नतीजों की घोषणा से पहले देश की सियासत में उबाल आ गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयराम रमेश ने गृहमंत्री अमित शाह पर बड़ा आरोप लगाया है और कहा है कि उन्होंने मंगलवार को होने वाली मतगणना से पहले जिला अधिकारियों को कॉल किए और उन्हें धमकाया.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के इस बयान के बाद इलेक्शन कमीशन हरकत में आया है.रविवार को चुनाव आयोग ने कहा है कि किसी भी अधिकारी ने किसी भी तरह के “अनुचित दबाव” बनाए जाने की सूचना नहीं दी है. आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश से आज शाम 7 बजे तक अपने आरोप के समर्थन में विस्तृत जानकारी मांगी है ताकि कार्रवाई की जा सके.

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा है कि ”निवर्तमान गृहमंत्री आज सुबह से जिला कलेक्टर्स से फोन पर बात कर रहे हैं. अब तक 150 अफसरों से बात हो चुकी है.अफसरों को इस तरह से खुल्लमखुल्ला धमकाने की कोशिश निहायत ही शर्मनाक है और अस्वीकार्य है. याद रखिए कि लोकतंत्र जनादेश से चलता है, धमकियों से नहीं. 4 जून को जनादेश के अनुसार नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और भाजपा सत्ता से बाहर होंगे और I.N.D.I.A. गठबंधन विजयी होगा. अफसरों को किसी प्रकार के दबाव में नहीं आना चाहिए और संविधान की रक्षा करनी चाहिए. वे निगरानी में हैं.”

चुनाव आयोग ने जयराम रमेश को लिखे गए पत्र में कहा है कि “इस संबंध में यह ध्यान देने योग्य है कि आदर्श आचार संहिता के लागू होने की अवधि में सभी अधिकारी आयोग की प्रतिनियुक्ति पर माने जाते हैं और वे किसी भी निर्देश के लिए सीधे आयोग को रिपोर्ट करते हैं. हालांकि किसी भी डीएम ने आपके द्वारा लगाए गए किसी भी अनुचित प्रभाव की सूचना नहीं दी है.जैसा कि आप जानते हैं, वोटों की गिनती की प्रक्रिया प्रत्येक आरओ को सौंपा गया एक पवित्र कर्तव्य है और आपके द्वारा दिए गए ऐसे सार्वजनिक बयान संदेह पैदा करते हैं इसलिए व्यापक जनहित में इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.”

चुनाव आयोग ने मांगा रिपोर्ट 

चुनाव आयोग ने कहा है कि “इसलिए एक राष्ट्रीय पार्टी के जिम्मेदार, अनुभवी और बहुत वरिष्ठ नेता होने के नाते आपको मतगणना के दिन से ठीक पहले तथ्यों/सूचनाओं के आधार पर ऐसा सार्वजनिक बयान देना चाहिए, जिसे आप सच मानते हैं. अनुरोध है कि उन 150 डीएम का ब्यौरा, जिन्हें गृह मंत्री की ओर से कथित रूप से इस तरह के कॉल किए गए हैं.आपके द्वारा दी गई जानकारी के तथ्यात्मक मैट्रिक्स/आधार के साथ आज यानी 2 जून, 2024 को शाम 7 बजे तक साझा किया जाएं, ताकि समुचित कार्रवाई की जा सके.”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button