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Kisan protest

किसानों के आंदोलन से पावर प्लांट का काम रहा बंद मांगो पर डटे किसान

नेशनल आवाज़/बक्सर :-  जिले के चौसा में निर्माणाधीन थर्मल पावर प्रोजेक्ट 1320मेगावाट के मेन गेट पर आंदोलनकारी सैकड़ों किसानों मजदूरों के दिन रात जमावड़ा से प्लांट का निर्माण कार्य पुरी तरह से ठप्प हो गया है. रविवार को आंदोलन के दूसरे दिन भी आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर मेन गेट को घेरकर बैठे रहे. शनिवार की रात सदर एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा और एसडीपीओ धीरज कुमार सैकड़ों पुलिस बलों के साथ गेट पर पहुंचे थे. परंतु आंदोलनकारी नहीं माने गेट जाम से नहीं हटे. प्लांट का निर्माण कार्य ठप्प होने से कंपनी को काफी आर्थिक क्षति हो रही है.प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा, चौसा के बैनर तले STPL मुख्य प्लांट गेट के पास रविवार को 511वें दिन भी जिला प्रशासन तथा STPL थर्मल पावर प्लांट के तानाशाही रवैया के खिलाफ धरना जारी रहा.

धरना स्थल पर मौजूद पुलिस के जवान

जिसकी अध्यक्षता इंटक के प्रदेश महासचिव रामप्रवेश सिंह यादव तथा संचालन शिवजी तिवारी ने किया. आंदोलन में प्रमुख वक्ताओं मे अंशु चौबे, बनारपुर पंचायत की मुखिया ममता देवी, झींगुरी राय, रामाशंकर चौधरी, तेतरी देवी, ललितेशवर राय, नन्द कुमार शर्मा, राजनारायण चौधरी, घनश्याम चौधरी, शिवमुरत राजभर, मेराज खाॅ, शिवदयाल सिंह, शिवजी सिंह, नरेन्द्र तिवारी, अबुलैस खॉ, रामअवध सिंह यादव, जयमंगल पांडेय, जितेंद्र राय, शैलेश राय, प्यारेलाल सिंह, गोरख नाथ पांडेय, लेदा चौधरी, द्वरिका चौधरी, उपेंद्र पासवान, छेदी राजभर, ओमकार चौहान, रामाकांत राजभर, राहुल राय आदि मौजूद सैकड़ों किसान मजदूर बेरोजगार नौजवानों के द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, संविधान निर्माता डा भीम राव अम्बेडकर तथा सुभाषचंद्र बोस के तैलीय चित्र पर पुष्पांजलि कर माल्यार्पण किया गया तथा उक्त महापुरुषों के सामने सभी धरनार्थी शपथ लिए कि जब तक विधि सम्मत 11 सूत्री मांगों का समाधान नहीं हो जाता तब तक कंपनी का कोई भी कार्य नहीं होने दिया जाएगा.

 

किसान वक्ताओं ने कहा कि एसडीएम और डीएसपी द्वारा कहा जा रहा है कि आप लोग अलोकतांत्रिक तरीके से धरना कर रहे है  तथा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को उलंघन कर रहे है. प्रशासनिक अधिकारी जिस माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का जो हवाला दे रहे है उस आदेश में कहा गया है कि धरनारत किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान अलोकतांत्रिक तरीके से धरना दे रहे है. STPL कंपनी सारे कानून की धज्जीयां उड़ा रहा है तथा खुल्लम खुल्ला प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर बेरोजगार नौजवान का हक अधिकार वर्ष 2016 से ही लुट रहा है और फर्जी मुकदमा प्लांट के प्रभावित किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान पर हो रहा है. यह कहाँ का लोकतंत्र है. प्रशासन  के सामने मजदूर कह रहे है की कंपनी द्वारा हमलोगो का मजदूरी बोर्ड रेट के अनुसार नही दिया जा रहा है, साथ ही आठ घंटे के बदले साथ 12 घंटे काम कराया जाता है व तीन-चार महीने पर हमलोगो का मजदूरी दिया जाता है.

 

यह कहा का लोकतंत्र है. अब धरना को प्रभावित किसान मजदूर यूनियन का भी समर्थन प्राप्त हुआ. यूनियन के संयोजक अशोक तिवारी द्वारा कहा गया की कंपनी वर्ष 2016 से केवल आश्वासन पर आश्वासन दे रही है. आज तक कंपनी के द्वारा किसी भी प्रकार का किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान को लाभ नही दिया गया. अब प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा सोमवार से कंपनी का सारा कार्य अनिश्चितकालीन के लिए बन्द किया जाएगा. जब तक की मोर्चा के 11 सुत्री मांगो का समाधान नही हो जाता. प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के तत्वावधान मे पिछले 16 माह से STPL थर्मल पावर के तानाशाही रवैया के खिलाफ STPL प्रभावित किसान मजदूर, बेरोजगार नौजवान अपने विधि सम्मत हक और अधिकार के खातिर अनिश्चितकालीन शांतिपूर्ण धरना पर बैठे है. धरनार्थीयो के साथ जिला प्रशासन तथा STPL कंपनी के वरीय पदाधिकारी के साथ कई दौर की बैठके हुई. परन्तु सारी बैठके STPL कंपनी के तानाशाही रवैया के चलते बेनतीजा रहा. अब प्रमुख रूप से धरनारत किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान को साथ मे लिए बगैर वो भी बिना VDAC का गठन किए वगैर R&R कमेटी का कोई भी प्रस्ताव लागु नही होगा. आप लोग पहले भूमि अधिग्रहण अधिनियम का अध्ययन करिए. गुपचुप तरिके बैठक कर फन्ड का दुरूपयोग करने का षड़यंत्र मत रचिए. अब किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान किसी के बहकावे मे नही आने वाले है. अपना हक अधिकार सबको मालूम हो गया है.

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