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जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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मशहूर गजल गायक पंकज उधास का हुआ निधन यादों में रह गया चिट्ठी आई है…पीपल सूना, पनघट सूना… तेरा आना रह गया बाकी…

नेशनल आवाज़ :- भारत के मशहूर गजल गायक रहे पंकज उधास ने सोमवार को 72 वर्ष की उम्र में अपनी आखिरी सांस ली. पंकज उधास के निधन से उनके चाहने वाले लोगों को काफी गहरा सदमा लगा है. पूरी दुनिया में चिट्ठी आई है.. आई है. गाने से उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. बड़े फिल्मों में गायकी के लिए मशहूर यह भारतीय सिनेमा जगत के गजल बादशाह के रूप में जाने गए. लाखों लोगों के दिलों पर राज करने वाले यह गजल गायक लंबी बीमारी के बाद अंतिम सांस ली है. इनका निधन म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी क्षति है.

एक जमींदार परिवार में जन्मे पंकज उधास अपने बड़े भाई मनहर उधास एवं निर्मल उधास के सानिध्य में रहकर गायकी सीखने के बाद इन्होंने निरंतर पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा.पांच साल की उम्र से ही इनके अंदर गायकी की इच्छा जगी थी. साल 1962 में इंडो चाइना युद्ध के दौरान पंकज उधास ने अपना पहला स्टेज परफॉर्मेंस दिया था.

पंकज के इस गाने को उस वक्त इतना पसंद किया गया कि लोगों ने उन्हें 51 रुपये भेंट किया था.1986 में आई फिल्म नाम से उन्हें असली पहचान हासिल हुई. इस फिल्म में चिट्ठी आई है.. गाने से पंकज उधास घर-घर में मशहूर हो गए थे. इसके बाद उन्होंने कई सुपरहिट गाना और गजल में अपनी आवाज दी. उनके निधन से राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए सिनेमा जगत के लिए अपूर्ण क्षति बताया है.

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