किसान मजदूरों ने थर्मल पावर प्लांट के खिलाफ प्रदूषण फैलाने का लगाया आरोप



नेशनल आवाज़/बक्सर : प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के तत्वावधान में पंचायत भवन बनारपुर में शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता शिवमुरत राजभर ने की तथा संचालन ब्रजेश राय ने किया . बैठक में मुख्य अतिथि भारतीय किसान यूनियन, बिहार प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार सिंह शामिल हुए. बैठक में वक्ताओं ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चौसा थर्मल पावर प्लांट को बिना FGD (Flue Gas Desulfurization) सिस्टम चालू किए ही शुरू कर दिया गया है. यह मशीन सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए अनिवार्य है. लगभग ₹400 करोड़ की लागत से लगने वाला यह सिस्टम कंपनी द्वारा अब तक स्थापित नहीं किया गया.
जिससे प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है. बिना राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) की अनुमति और नियमों का पालन किए बिना घनी आबादी के बीच मालगाड़ी से कोयले अनलोडिंग और डंफर में लोडिंग की जा रही है. कोयले से बिजली उत्पादन किया जा रहा है.जिससे आसपास के गाँवों में दमा, टीबी और आँखों की बीमारियाँ तेजी से फैलने की आशंका की जा रही हैं. STPL कंपनी और उसकी सहयोगी कंपनी पावर मेक पर यह भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने प्रभावित गाँवों को नज़रअंदाज़ कर बाहरी लोगों को घूस लेकर नौकरी दी जा रही है. किसानों और मजदूरों ने आरोप लगाया कि संवैधानिक अधिकारों और 2013 भूमि अधिग्रहण अधिनियम का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है.
प्रभावित ग्रामीणों, मजदूरों और महिलाओं पर फर्जी मुकदमे थोपे गए हैं. जिससे उनके जीवन और आजीविका पर गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. वक्ताओं ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि कंपनी और प्रशासन ने किसानों व मजदूरों के अधिकारों का सम्मान नहीं किया और लंबित समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं निकाला गया, तो निकट भविष्य में भीषण जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा. आवश्यकता पड़ने पर STPL कंपनी का संचालन ठप करने का भी निर्णय लिया जाएगा. इस दौरान मोर्चा के अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह यादव, बृजेश राय, नंदलाल सिंह, इस्राइल खाँ, संतविलास पांडेय, नन्द कुमार राम, रामप्रवेश सिंह, नरेन्द्र तिवारी, ललितेश्वर राय सहित बड़ी संख्या में किसान, बेरोजगार नौजवान, महिला मजदूर एवं STPL परियोजना से प्रभावित स्थानीय ग्रामीण मौजूद रहे.