20 मार्च को बक्सर में होगा ऐतिहासिक किसान महापंचायत प्रशासनिक दमन के खिलाफ होगा आंदोलन





नेशनल आवाज़/बक्सर :- संयुक्त किसान मोर्चा बिहार और प्रभावित किसान मोर्चा की हुई बैठक में गुनहगार पुलिस और जिला प्रशासन के भ्रष्ट और जुल्मी अफसरों को सजा दिलाने के लिए किला मैदान से किसान फिर हुंकार भरेंगे.चौसा के बनारपुर पंचायत भवन में आयोजित किसान चौपाल को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन (टिकैत )के बिहार प्रभारी दिनेश कुमार ने किसानों को ललकारते हुए कहा कि बनारपुर कोचाढी और मोहनपुरवा में जिलाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक एवं एसडीपीओ के नेतृत्व में सैकड़ों पुलिस जवानों एवं चौसा थर्मल प्रबंधन के गुंडो ने मिलकर 20 मार्च 2024 को गांव पर आतंकवादियों की तरह हमलाकर किसानों के घरों में घुसकर लूट-पाट,तोड़-फोड़, मार-पीट,लाठी चार्ज,फायरिंग की, वह दमन की पराकाष्ठा थी.
80 वर्ष की बुढी महिलाओं से लेकर 2 वर्ष के दूधमुहें बच्चों को नहीं बक्शा. यहां तक दरवाजे पर पालतू जानवरों तक को बुरी तरह लाठी से पीट-पीटकर हैवानियत की सभी हदें पार कर दी.आज भी उसका टीस हमारे दिलों में चुभता हैं. जब तक गुनहगारों को सजा नहीं मिलेगी.चौसा से लेकर संपूर्ण बिहार के किसान चुप नहीं बैठेंगे. आगे आंदोलन को और तेज करेंगे.चौसा और पूरे बिहार के प्रभावित किसानों को जमीन का वर्तमान बाजार दर से चार गुणा मुआवजे का भुगतान, हर परिवार से एक व्यक्ति को कंपनी में नौकरी,आर एन्ड आर योजना के तहत किसानों एवं मजदूरों को वाजिब सहायता राशि सहित अन्य सभी सुविधाओं को जल्द से जल्द भुगतान हो, वर्ना अब आर-पार की लड़ाई हम छेड़ेंगे.
20 मार्च को किसान महापंचायत जंग का ऐलान करेगा.किसान फिर एक बार अपनी मांगों को लेकर हुंकार भरेंगे और जुल्मी जिला प्रशासन को सजा दिलाएंगे.इस अवसर पर ऑल इंडिया किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव अशोक प्रसाद सिंह ने किसान चौपाल को संबोधित करते हुए कहा कि जब नमक 1 रु किलो बिक रहा था, तब गेहूं की कीमत 11 रु किलो था. आज टाटा के एक किलो नमक का दाम बढकर 28 रु किलो हो गया, तो उसी आधार पर किसानों के गेहूं का दाम 28 गुना बढ़कर 308 रु किलो होना चाहिए था.तब किसान भी अपने मजदूरों को 1500 से 2000 रु तक रोज मजदूरी देता.
तब किसान मजदूर खुशहाल होते गांव खुशहाल होता.तब अंबानी अडानी की पूंजी दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से नहीं बढ़ता. मगर अंबानी अडानी के कारखानों में कम मजदूरी पर मजदूर काम करें.इसलिए किसानों को अपने पैदावार का लाभकारी दाम नहीं मिलता.किसान मजदूर कंगाल है और गांव उजड़ रहे हैं.किसान गाँव छोड़ कर शहरों की ओर भाग रहे हैं.किसानों को पैदावार का लाभकारी कीमत, कर्ज मुक्ति,किसान-पक्षी फसल बीमा, 60 साल की उम्र से सभी पुरुष-महिला किसानों एवं मजदूरों को 10000 रु मासिक पेंशन, कृषि में बड़े पैमाने पर सरकारी निवेश, सस्ते दर पर खाद, बीज ,कृषि यंत्र सिंचाई की व्यवस्था हेतु नहरों का जाल, कृषि आधारित उद्योगों का विकास तथा आवारा पशुओं की आवारागर्दी पर रोक की मांग को लेकर संपूर्ण देश के किसान आज आंदोलन के मैदान में है.केंद्र सरकार के बजट में किसानों की समस्याओं का निदान हेतु कुछ भी नहीं है. इसलिए लाखों किसानों को एकजुट कर बक्सर में बेमिसाल किसान महापंचायत हो.
इसकी तैयारी अभी से जोर-शोर से शुरू करें. किसान चौपाल की अध्यक्षता किसान नेता शैलेश राय ने की.किसान चौपाल को संबोधित करते हुए किसान नेता रामप्रवेश सिंह ने कहा कि महीनों जेल में रखकर बक्सर जिला प्रशासन के सारे जुल्मों सितम को झेल कर हमलोग और मजबूत होकर जेल से निकले हैं.किसानों के हक के लिए लड़ने को आज भी हम सभी तैयार हैं.जब तक चौसा के किसानों को न्याय नहीं मिलेगा हमारी लड़ाई जारी रहेगी.जोर जुल्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है.किसान चौपाल को किसान नेता शर्मा तिवारी,शिवजी सिंह,नरेंद्र तिवारी,सुरेश सिंह,साधु यादव, नंदलाल सिंह आदि ने संबोधित किया.