जातीय जनगणना को एनडीए ने बताया ऐतिहासिक फैसला, विपक्ष को बताया पाखंडी





नेशनल आवाज़/बक्सर :- केंद्र सरकार द्वारा देश भर में जातीय जनगणना कराऐ जाने के ऐतिहासिक फैसले के संदर्भ में जिला अतिथि गृह में एनडीए की एक प्रेसवार्ता की गयी. जिसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्णा, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता निहोरा प्रसाद मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए.प्रेसवार्ता की अध्यक्षता भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश भुवन तथा जदयू के जिला अध्यक्ष अशोक सिंह ने संयुक्त रूप से की.
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए भाजपा के कुंतल कृष्णा प्रदेश प्रवक्ता और जदयू के प्रदेश प्रवक्ता निहोरा प्रसाद ने कहा की वर्ष 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत मनमोहन सिंह लोकसभा में आश्वासन दिया था कि जाति जनगणना पर कैबिनेट में विचार किया जाएगा. तत्पश्चात एक मंत्रिमंडल समूह का भी गठन किया गया था.जिसमें अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना की संस्तुति की.
इस समूह में शामिल केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने 2011 की जनगणना में जाति को शामिल करने का विरोध किया और कहा कि जातियों की गिनती जनगणना में नहीं बल्कि अलग से कराई जाएगी.आगे उन्होंने कहा कि जनगणना का विषय संविधान के अनुच्छेद 246 की केंद्रीय सूची की क्रम संख्या 69 पर अंकित है और यह केंद्र का विषय है.विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा की कुछ पाखंडी लोग जाति आधारित जनगणना का श्रेय लेने का जो पाखंड कर रहे हैं वे इसके काबिल नहीं है.
मोदी सरकार के जातिगत जनगणना कराने के निर्णय से यह सुनिश्चित होगा कि समाज आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से मजबूत और देश की भी प्रगति निर्वाध चलती रहेगी.प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से पुनीत सिंह,दीपक पांडेय, प्रेम मिश्रा, दिनेश सिंह,नथुनी प्रसाद खरवार, जितेन्द्र सिंह, आजाद सिंह राठौड़, दिनेश सिंह, श्याम वर्मा, राजेश कुशवाहा,पिंटु ठाकुर तथा उमाशंकर राय जिला मीडिया प्रभारी भाजपा सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे.