रिश्वत लेते पुलिस प्रशिक्षक एवं अंडर ट्रेनिंग सिपाही हुए गिरफ्तार, एसपी ने नगदी व डिजिटल मोड से पांच लाख रुपये वसूली का किया खुलासा




नेशनल आवाज़/बक्सर :- पुलिस आम लोगों की सुरक्षा करती है. वर्दी पहनने से पहले यह शपथ लेते हैं कि ईमानदारी पूर्वक काम करेंगे.आज जिले में ही इस वर्दी पर सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. बिहार पुलिस की भर्ती में मेडिकल फिटनेस के नाम पर पुलिस ने खुद अपने ही चार लोगों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. जिसमें एक खुद प्रशिक्षक एवं तीन अंडर ट्रेनिंग सिपाही शामिल है.
एसपी शुभम आर्य ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि शिकायत मिली थी कि पुलिस लाइन में नवनियुक्त सिपाहियों के री-मेडिकल में स्वस्थ कराने के बदले मोटी रकम वसूली जा रही है.शिकायत मिलते ही एक स्पेशल टीम बनाई गई.जिसने प्रशिक्षक आदित्य कुमार और उसके तीन सहयोगियों को जाल बिछाकर धर दबोचा.जांच में सामने आया कि प्रशिक्षक आदित्य कुमार खुद अभ्यर्थियों से सीधा संपर्क करता था.
प्रत्येक अभ्यर्थी से 10 हज़ार रुपये की मांग की जा रही थी. अब तक की जांच में कुल 5.10 लाख रुपये की अवैध वसूली का पता चला है.जिसमें 3.50 लाख रुपये कैश और 1.60 लाख रुपये डिजिटल पेमेंट (PhonePe के जरिए) वसूले गए. गिरफ्तार किए गए चारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.
उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया चल रही है.एसपी शुभम आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह न केवल गंभीर अपराध है, बल्कि पुलिस की साख को भी धूमिल करता है.दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी और भविष्य में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऐसे मामलों में हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की है.इस खुलासे के बाद बहाली प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं. पुलिस द्वारा खुद रिश्वतखोरी के मामले में शामिल होने पर लोगों में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है.
अभ्यार्थियों एवं अन्य लोगों का कहना है कि जब पुलिस खुद इस तरह के धंधे में शामिल हो तो कैसे विश्वास किया जा सकता है कि वह ईमानदारी से सुरक्षा कर सकता है. फिलहाल एसपी ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि इस तरह का गलत काम करने वाले को कभी नहीं छोड़ा जाएगा.