झांसे की राजनीति नहीं चलेगी,“नीतीश सरकार ने महिलाओं को दिया कर्जदार योजना : दीपांकर भट्टाचार्य

नेशनल आवाज़/बक्सर :- डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में महागठबंधन समर्थित भाकपा माले के प्रत्याशी अजीत कुशवाहा के समर्थन में भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया.उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 20 वर्षों से जनता की समस्याओं का समाधान करने के बजाय सवालों का बोझ उन्हीं पर थोपती आई है.महिला योजनाओं पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने केंद्र की 10 हजार रुपये वाली योजना को ‘महिला कर्जदार योजना’ बताते हुए दावा किया कि इससे महिलाओं की आर्थिक परेशानी और बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि बिहार में लाखों महिलाएं पहले ही साहूकारों और माइक्रोफाइनेंस के कर्ज में जकड़ी हैं. ऐसे में सरकार राहत देने के बजाय कर्ज का जाल फैला रही है.रोजगार के मुद्दे पर भट्टाचार्य ने कहा कि बड़े उद्योगपतियों को जमीन देने से नौकरियां नहीं मिलने वालीं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार पेड़ काटकर और किसानों को विस्थापित कर उद्योगपतियों को जमीन मुहैया करा रही है. लेकिन युवाओं को स्थायी रोजगार नहीं दे पा रही.उन्होंने व्यंग्य कसते हुए कहा, “सरकार की रोजगार नीति बस यही है डेटा बेचो, रील बनाओ.
आउटसोर्सिंग व्यवस्था को समाप्त करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सफाईकर्मी, रात्रि प्रहरी और जीविका समूह से जुड़ी डेढ़ लाख महिलाओं को स्थायी नियुक्ति और ₹30 हजार मासिक वेतन मिलना चाहिए.यही भाकपा (माले) का स्पष्ट चुनावी एजेंडा है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के ‘चाणक्य’ ने खुद स्वीकार किया है कि नीतीश कुमार सिर्फ चुनाव तक ही प्रासंगिक हैं.यह बयान बताता है कि NDA में भरोसे की कमी है और जनता इस राजनीति को भली-भांति समझ चुकी है.उन्होंने विश्वास जताया कि बिहार में इस बार बदलाव तय है और इंडिया गठबंधन की सरकार बनने जा रही है.






