डरा धमकाकर पैसा वसूलने के मामले में गिट्टू तिवारी गए जेल






नेशनल आवाज़/बक्सर :- नगर थाना पुलिस ने ब्लैकमेलिंग के मामले में दो नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.जिसमें जिले के चर्चित युवानेता अरविंद तिवारी उर्फ गिट्टू तिवारी, पिता- सुरेंद्र तिवारी है.यह अपने सहयोगी संजय उपाध्याय, पिता- त्रिलोकनाथ उपाध्याय के साथ रंगेहाथों पकड़े गए हैं.घटना के बाद जिले भर में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार शहर के बंगाली टोला निवासी आफताब आलम ने नगर थाना में गुरुवार की शाम बक्सर नगर की युवती समेत तीन व्यक्तियों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का एफआईआर दर्ज कराया है. एफआईआर में अंत्योदय सेवा संस्थान चलाने वाले गिट्टू तिवारी भी नामजद अभियुक्त बनाये गए थे जिसके आलोक में उनके खिलाफ पुलिस ने एक्शन लिया. पीड़ित युवक आफताब आलम उर्फ जानू ने नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी में बताया कि उसकी मंगेतर और भगिना की कुछ निजी तस्वीरें एक फर्जी फेसबुक आईडी के जरिए वायरल कर दी गईं.
इसके बाद उसे फोन कर धमकी दी गई कि यदि वह मांगी गई रकम नहीं देता है तो वीडियो और अन्य तस्वीरें सार्वजनिक कर दी जाएगी.पहले इससे डेढ़ लाख रुपये की मांग की गयी. बाद में सौदा 28 हजार रुपये में तय हुआ.
तैयारी के तहत आरोपी ने पहले आफताब से एक खाते में 100 रुपये ट्रांसफर करवाए, ताकि यह पुष्टि हो सके कि वह रकम देने के लिए तैयार है. जैसे ही आरोपी पैसे लेने मेहंदी वस्त्रालय के पास पहुंचे. पहले से मुस्तैद मोहल्ले के लोगों ने उन्हें पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस को सूचना देकर दोनों को नगर थाना लाया गया.जहां पूछताछ के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
इस पूरे मामले में शहर की एक युवती का नाम भी सामने आया है, जिसे इस ब्लैकमेलिंग गिरोह की मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. पुलिस का मानना है कि उसी युवती ने निजी तस्वीरें जुटाई और फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से उन्हें वायरल करने की योजना बनाई. फिलहाल पुलिस उस युवती की तलाश में अन्य संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है. नगर थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में आरोपियों पर आईटी एक्ट की धारा 66C और 66D के तहत केस दर्ज किया गया है. साथ ही भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराएं भी जोड़ी गई हैं. उन्होंने कहा कि यह साइबर ब्लैकमेलिंग का नया रूप है, जिसमें पहले किसी की निजी जानकारी और फोटो हासिल कर ली जाती है. फिर उसे वायरल करने की धमकी देकर रुपये वसूले जाते हैं.