भारत का प्राचीन खेल है स्काय मार्शल आर्ट : आर नायक आत्म रक्षा के साथ स्काय मार्शल आर्ट गांव-गांव में सीखेंगे स्कूली छात्र
नेशनल आवाज़ :- महाराष्ट्र के पुणे शहर के पैराडाइज होटल में स्काय मार्शल आर्ट फेडरेशन- इंडिया की वार्षिक बैठक (AGM) सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई.इस बैठक में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.जिसमें स्काय मार्शल आर्ट एसोसियेशन ऑफ़ बिहार के सचिव अश्वनी कुमार सिंह ने बिहार का प्रतिनिधित्व किया. बैठक में भारत में स्काय मार्शल आर्ट खेल के विस्तार पर बिंदुवार चर्चा की गई.
प्रतिनिधियों ने कहा कि इस खेल को सभी राज्यों में अधिक लोकप्रिय और व्यापक बनाने का प्रयास होगा.आगामी दिनों में नेशनल कैंप एवं चैंपियनशिप का भी आयोजन होगा.नेशनल कैंप सितंबर माह में चैंपियनशिप अक्टूबर माह में आयोजित की जाएगी.स्काय मार्शल आर्ट फेडरेशन इंडिया के जनरल सेक्रेटरी भव्याचार्य काशीनाथ आर. नायक ने बैठक में बताया कि स्काय मार्शल आर्ट भारत का एक प्राचीन खेल है. इसका देश से गहरा संबंध है. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस खेल के माध्यम से कई खिलाड़ी गोवा पुलिस में नौकरी कर अपना सुनहरा भविष्य बना चुके हैं.
यह खेल गोवा पुलिस, पश्चिम बंगाल पुलिस, और बीएसएफ पश्चिम बंगाल सहित भारत के अन्य कई सरकारी संस्थानों में भी शामिल है.इस खेल से खिलाड़ियों को कैरियर बनाने का एक सुनहरा अवसर मिलता है.बैठक में स्काय मार्शल आर्ट फेडरेशन इंडिया के अध्यक्ष प्रवीण सिंह कुशवाहा, कोषाध्यक्ष दुष्यंत सैनी के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे.स्काय मार्शल आर्ट एसोसियेशन ऑफ़ बिहार के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने इस जानकारी को साझा किया.इन्होंने कहा कि खेल के भविष्य और युवाओं के कैरियर निर्माण में महत्वपूर्ण साबित होगी. स्काय मार्शल आर्ट को और अधिक उन्नत करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जाएंगे.