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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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शाही लकड़हारा नाटक का हुआ मंचन कलाकारों ने दर्शकों का मनमोहा,बुजुर्गों ने गांव की कला को किया जीवंत

नेशनल आवाज़/बक्सर :- जिले के चौसा नगर पंचायत में छठ महापर्व के उपलक्ष में नवयुवक प्रहसन मंडल चौसा नरबतपुर में चल रहे चार दिवसीय कार्तिकोत्सव के तहत नाटक के अंतिम दिन शाही लकड़हारा नाटक का मंचन किया गया. सामाजिक कार्यकर्ता विनोद यादव ने सभी कलाकारों को शॉल व फूल माला से सम्मानित कर उत्साह वर्धन किया. जिसको लेकर कलाकारों ने इस सम्मान के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.

शाही लकड़हारा नाटक को दर्शको ने काफी सराहना किया. नाटक में राजा भीम सेन का अभिनय करने वाले सियाराम चौधरी का अभिनय देख लोग मंत्र मुग्ध हो गए थे. जिसमें  दिखाया गया कि राजा का गुणगान नही करने वाली बेटी से खफा राजा ने अपनी बेटी की शादी एक कंगाल लकड़ाहारा से करा देता है. जिसके साथ बेटी खुशी- खुशी पिता का धन वैभव त्याग लकड़हारा के साथ जंगल में रहने के लिए चली जाती है.लेकिन लक्ष्मी माता की भक्त होने के कारण लकड़हारा का भाग्य भी पलट जाता है.हाइटेक मनोरंजन के इस युग में नाटक मंचन की विलुप्त हो रही परंपरा को फिर से जिंदा किया गया है.नरबतपुर में छठ पूजा के दौरान होने वाले नाटक मंचन 20 साल पहले बंद कर दिया गया.

लेकिन एक बार फिर 20 साल बाद नरबतपुर के समाजिक बुजुर्ग और युवाओं ने इसे जिंदा करने का काम किया है.नाटक को लेकर युवाओं के साथ साथ 80 वर्षो के बुजुर्गो में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है. जो मंच पर एक बार फिर अपने अभिनय का लोहा मनवा रहे है. उक्त आयोजन में बीरबल चौधरी, शशिभूषण चौधरी, छठठु यादव आदि का सराहनीय योगदान रहा.

 

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