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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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कंपनी एवं प्रशासन के खिलाफ किसानों ने निकाला बाइक रैली

नेशनल आवाज़/चौसा :- प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा, चौसा (बक्सर) के बैनर तले चल रहा किसानों का आंदोलन रविवार को 350वें दिन भी मुरा बाबा स्थान पर जारी रहा. जिसकी अध्यक्षता शारदा रमण पांडेय उर्फ बाच्चाजी पांडेय तथा संचालन शिवजी तिवारी ने किया. किसान वक्ताओं ने कहा कि धरना का एक वर्ष होने जा रहा है. परन्तु न हीं जिला प्रशासन और न ही STPL कंपनी के वरीय पदाधिकारी धरनारत किसान मजदूर बेरोजगार नौजवानों की मांगो पर विचार ही कर रहे है.

ये आपस में सामंजस्य बनाकर किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान को छलने का काम कर रहे है. लेकिन प्रभावित किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान अपना मन बना लिए है कि अब हम लोग छलने वाले नहीं है. पूर्व के घोषित कार्यक्रम के तहत धरना के पश्चात दोपहर में किसान/मजदूरों ने रविवार को एसटीपीएल कंपनी के उत्पीड़न के खिलाफ मोटरसाइकिल जनजागरूकता रैली निकालकर कंपनी और प्रशासन के खिलाफ जारी उक्त आंदोलन में एकजुटता दिखाई.

रैली धरना स्थल से एसटीपीएल मेन गेट से सरेंजा होते हुए सिकरौल, बनारपुर के रास्ते अखौरीपुर गोला तक पहुंचा इसके बाद यादव मोड़, बारा मोड़ , दुर्गामंदिर , कटघरवां होते हुए कई और प्रभावित क्षेत्रों में निकाला गया. किसानों ने कहा कि मोटरसाइकिल जन जागरूकता रैली सफल रहा. अब मुख्य प्लांट का गेट आगामी 03 अक्टूबर से 05 अक्टूबर तक में कभी भी अनिश्चितकालीन के लिए बन्द किया जा सकता है.

जब तक प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर बेरोजगार नौजवान की विधी सम्मत मांग लिखित रूप से मिल नही जाता तथा तत्काल रूप से उसपर क्रियान्वयन सूरू न हो जाय. STPL कंपनी ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह तानाशाही रवैया अपना रही है. धरनारत प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर बेरोजगार नौजवान सभी लोगो द्वारा यह निर्णय लिया कि अब वाटर पाईप लाइन, रेल कॉरीडोर तथा अतिरिक्त जमीन अब हमलोग किसी भी हाल मे नही देंगे. वही जमीन एक मात्र हमलोगो की हमारे परिवार का जीविकोपार्जन का सहारा है. कंपनी अपना एलायमेंट बदलकर वाटर पाईप लाइन तथा रेल कॉरीडोर बनाए.
प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर बेरोजगार नौजवान द्वारा कहा गया की पुर्व मे अर्जित 1058 एकड़ जमीन की आपत्ति 2016 से ही लंबित है.

जिसकी सुनवाई आज तक नही हुआ है.तथा 30 वर्ष पूर्व गंगा पंप नहर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का आज तक मुआवजा नही मिला जो अभी तक रैयति किसान मुकदमा लड़ रहे है. और अभी तक कोई सुनवाई नही हुआ है. अभी भी कंपनी किसानो मजदूरो बेरोजगार नौजवान की हकमारी करने के लिए बिचौलिओ का सहारा ले रही है. उधर किसानो की बहुफसला,गंगा पंप नहर से सिंचित, दो स्टेट हाईवे के बिच स्थित सटे उपजाऊ कृषि भुमि, आवासीय, भुमि,एवं व्यवसायिक, भुमि का जबरन कब्जा करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है.

जिसके विरुद्ध दिनांक 17 अक्टूबर 2022 से ही शांतिपूर्ण धरना अनवरत जारी है. प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर बेरोजगार नौजवानो द्वारा एक स्वर मे कहा कि जब तक हमलोगो कि विधि सम्मत मांगे मान नही ली जाती तब तक अनिश्चितकालीन धरना अनवरत जारी रहेगा.
इस दौरान जयमंगल पांडेय, शैलेश राय, अंगद यादव, बलिष्टर राजभर, सोनिया देवी, मरछिया देवी, तेतरी देवी, पुनिया देवी, कमली देवी, कौशल्या देवी, कन्हैया चौधरी, सर्वाशंकर सिंह, राजेश तिवारी, राधेश्याम सिंह, जितेन्द्र राय, नन्द किशोर शर्मा, द्वारिका चौधरी, नरेन्द्र तिवारी, शिवभजन सिंह, अच्छेलाल चौधरी, रामकिशुन गोंड, केशव चौधरी, उपेंद्र पासवान, रामअवध सिंह यादव,लक्ष्मण चौधरी, श्यामलाल चौधरी, भैरव नाथ राय, छेदी राजभर, रामबलि राजभर, ओमकार चौहान, राजेन्द्र तिवारी सहित सैकड़ों किसान/मजदूर शामिल रहे.

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