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जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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धम्म विजय महोत्सव में सम्राट शतधन्वा मौर्य का हुआ सम्मान

मानव कल्याणकारी कार्य को करने का लिया गया संकल्प

नेशनल आवाज़/बक्सर :- जिले के पिप्ली बुद्ध विहार परिसर के पास सोमवार को दस दिवसीय धम्म विजय महोत्सव में अखंड भारत के 9 वें सम्राट शतधन्वा मौर्य का सम्मान “सम्राट पंडाल” में मनाया गया. उनके शासन व्यवस्था पर चर्चा करते हुए शाक्य विक्की मौर्य ने कहा की सम्राट शतधन्वा मौर्य के समय राज्य की अर्थव्यवस्था कृषि, पशुपालन, और वाणिज्य व्यापार पर आधारित थीं.

इन्होंने प्रियदर्शी सम्राट अशोक महान की नीतियों को आगे बढ़ाया, गांव गांव तक सड़के बनवाई, अस्पताल  बनवाया. अध्यक्ष अखिलेश ठाकुर ने कहा की इस धम्म अवसर पर खीर दान किया जा रहा है. सम्राट पंडाल अपने तरह एकलौता पंडाल है जो ऐतिहासिक रूप अखंड भारत के शुरुआती 10 सम्राटो का दर्शन की व्यवस्था किया है.कार्यक्रम संयोजक युवा सम्राट ऋतुराज मौर्य ने कहा की जब 49 दिन की तपस्या के बाद भी महामानव बुद्ध को ज्ञान प्राप्त नहीं हुआ था.

उनका शरीर सुख कर बिलकुल काटा हो गया.तब इनको सुजाता नामक स्त्री ने देखा. सुजाता ने उनको कोई ऋषि मानकर खीर खिलाया. शरीर में ऊर्जा का संचार होने से उनको ज्ञान की प्राप्ति हुई. फिर उन्होंने मध्यम मार्ग का सिद्धांत दिया.जिस तरह इन राजाओं ने मानवकल्याण कार्य कर विश्व में परचम लहराया उसी तरह आज भी हमें इनके रास्ते पर चलने की जरूरत है. इस कार्यक्रम में जादूरई कुशवाहा, संतोष सर, अंकित सिद्धार्थ, रवि जी, दीपक सर, रंजीत सिंह, अखिलेश ठाकुर, वेद प्रकाश मौर्य, गनेश सिंह, अजीत सिंह, प्रमोद कुमार पटेल, प्रकाश मौर्य, सुनील मौर्य, शिवकुमार सिंह कुशवाहा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

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