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बुद्ध के रास्ते पर चलकर ही देश का होगा विकास : मंत्री श्रवण कुमार
पिप्ली बुद्ध विहार में महामानव बुद्ध की प्रतिमा का हुआ अनावरण
नेशनल आवाज़ /बक्सर :- जिले के पिप्ली बुद्ध विहार परिसर में गुरुवार को बुद्ध प्रतिमा का अनावरण समारोह का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता गणेश प्रसाद सिंह उर्फ मंडल जी संचालन भंते शील वचन ने किया. कार्यक्रम के आरंभ में भगवान बुद्ध के प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर पंचशील दीप प्रज्वलन कर किया गया.
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया के बदलते समय में भगवान बुद्ध के विचारों को अपनाने की जरूरत है. बुद्ध के रास्ते पर चलकर ही देश का विकास होगा. आज हमारी सरकार भगवान बुद्ध की विरासत को बचाने के लिए काफी प्रयास कर रही है. इसी का परिणाम है कि राजगीर में सबसे ऊंची उनकी प्रतिमा बनाई जा रही है.राज्य के अन्य हिस्सों में बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई विरासतों को संजोने का भी काम किया जा रहा है.
सरकार की उपलब्धियां पर चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना की शुरुआत हमने समाज के निचले पायदान पर रहने वाले लोगों से शुरूआत किया था. कल तक जो शुद्ध पानी नहीं पीते थे. आज उनके घरों में शुद्ध पानी पहुंच रहा है. सामाजिक एवं आर्थिक पिछड़ेपन को दूर कर लोग आगे बढ़ रहे है.
आज हमारी सरकार बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, महात्मा गांधी एवं अन्य महापुरुषों के सपने को साकार करने में लगी हुई है.संविधान के रास्ते पर चलकर हमारी सरकार देश हित में कम कर रही है. भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि इस देश में भाजपा लोगों को आगे बढ़ने देना नहीं चाहती है. राज्य में जाति आधारित गणना हो रही थी. जिसको लेकर भाजपा के लोगों ने कोर्ट में चुनौती दी थी. जहां कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि यह जाति आधारित गणना है. इसके लिए हमारी सरकार ने सभी दलों के साथ बैठक की थी. यह अकेले निर्णय नहीं लिया गया था. आने वाले चुनाव में I.N.D.I.A. की ताकत से एनडीए को ध्वस्त करेंगे.
विशिष्ट अतिथि डुमराँव विधायक अजीत कुशवाहा ने कहा कि किसी भी देश के विकास में साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. हमें आज भी अपने देश के साहित्य को पढ़ने की जरूरत है. साहित्य को पढ़ेंगे तभी बुद्धिजम को आगे बढ़ाएंगे. आज देश में दो तरह की विचारधाराओं का संघर्ष चल रहा है.यह ऐसे लोग हैं जो पाखंडवाद के पोषक है. दूसरे वैसे लोग हैं जो संविधान के रास्ते देश को बदलना चाहते हैं.
हमारी प्रगति एवं तरक्की को मनुस्मृति लागू कर रोकने की कोशिश में लगे हैं. इसके लिए हम सभी लगातार बदलाव की लड़ाई लड़ रहे हैं और जीवन भर संघर्ष करते रहेंगे. अभी देश में भारतीय संविधान में भारतीय दंड संहिता का नाम न्याय संहिता कर दिया गया है.इसके नाम बदलने के साथ कई आवश्यक मूल तत्वों को भी बदला जाएगा.
हम प्राचीन काल की बात करें तो जब भारत में संविधान नहीं था तो उसे समय जो दंड संहिता थी. वह जुर्म के आधार पर नहीं बल्कि जाति के आधार पर दंड दिए जाते थे. हमारे संविधान में किसी भी जुर्म के लिए लोगों को सामान्य तरीके से सजा देने का प्रावधान है. जिसे लोग न्याय संहिता के तहत खत्म करने की साजिश रच रहे हैं. लड़ाई इस देश को बचाने के लिए है. गुरुकुल में महिलाओं एवं दलितों को पढ़ने का भी अधिकार नहीं था. आज यह अधिकार हमें मिला है तो संविधान से मिला है. इस मौके पर भूतपूर्व अपर समाहर्ता राम सुरेश सिंह, डॉक्टर भूपेंद्र नाथ, डीके आनंद, बी के दोहरे, उदय प्रताप, डॉ प्रेमनाथ बौद्ध, कमलेश पासी, भंते आनंद, भंते सिद्धार्थ, भंते ज्ञान रत्न,भंते धर्मशील ,भंते राष्ट्रकांत मौजूद रहे. इसका कार्यक्रम को सफल बनाने में लालमोहन सिंह, हवलदार सिंह, राम अवतार सिंह, शिवकुमार सिंह के अलावा अन्य लोगों का काफी सराहनीय योगदान रहा. इस अवसर पर जदयू जिला अध्यक्ष अशोक सिंह, पूर्व मुखिया मकरध्वज सिंह विद्रोही, राजेश कुशवाहा, गणेश मौर्य, अविनाश मौर्य के अलावा अन्य लोग मौजूद रहे.