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Kisan protest

बनारपुर गांव से थर्मल पावर प्लांट तक किसानों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

पुलिस छावनी में तब्दील रहा पावर प्लांट

नेशनल आवाज़/बक्सर :– जिले के चौसा में अपनी 11सूत्री मांगों को लेकर पिछले 14माह से आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों द्वारा एसटीपीएल थर्मल पावर प्लांट और जिला प्रशासन के तानाशाही रवैया के खिलाफ आंदोलन के 434वें दिन रविवार को आक्रोश मार्च निकाला गया. प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के द्वारा आक्रोश मार्च निकालने की सूचना पर जिला प्रशासन शनिवार की अहले सुबह से ही अलर्ट मोड पर दिखाई दिया.

    थर्मल पावर प्लांट गेट के पास अलर्ट मोड में प्रशासन

एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा के नेतृत्व में थर्मल पावर प्लांट के मेन गेट के पास सैकड़ों की तादात में सुरक्षा कर्मी मुश्तेद रहे. आक्रोश मार्च बनारपुर से अखौरीपुर गोला, एसटीपीएल मेन गेट होते हुए कोचाढ़ी, सरेंजा तक निकाला गया. तथा पुनः वापस अपने धरनास्थल पर सभा में तब्दील हो गया. आक्रोश मार्च में सैकड़ों की तादात में महिला व पुरूष हाथों में तिरंगा लेकर निकले थे. बाईक, ट्रैक्टर पर भी किसान व युवा शामिल रहे.

मुरा बाबा स्थल के पास धरनास्थल पर आयोजित सभा की अध्यक्षता इंटक प्रदेश महासचिव रामप्रवेश सिंह यादव ने की. कहा कि यहाँ के किसानों के साथ विश्वासघात हुआ है. इसलिए आज आक्रोश मार्च निकाले हैं. आगे कहा कि जिला प्रशासन द्वारा मांगों को पूरी करने के लिए चार सप्ताह का समय लिया गया था, लेकिन वह कंपनी और जिला प्रशासन की साजिश थी. माह में सिर्फ दो मीटिंग ली गई. जबकि किसानों का कहना है कि तीन मीटिंग कराएं और हमारी समस्या का समाधान कराएं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. आठ सप्ताह बीत गया, लेकिन हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया. यह केवल दिखाने के लिए था कि हम किसानों और मजदूरों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान निकाल रहे हैं. किसान अशोक तिवारी ने कहा कि आने वाले समय में किसान मजदूर एक बार फिर गेट को जाम कर सकते है.

किसान बिना मुआवजा बढ़ाए और R&R पॉलिसी लागू किए बिना अपनी जमीन पर कार्य नहीं कराने देना चाहते हैं. इसे लेकर लगभग 14 महीने से आंदोलन चल रहा है. किसानों ने एक स्वर में कहा कि जबतक हमारी मांगें मान नहीं ली जाती तबतक रेल कारिडोर, वाटर पाईपलाईन और अतिरिक्त भूमि पर किसी भी प्रकार का कार्य नही होने दिया जायेगा.

प्लांट का मेन गेट रहा छावनी मे तब्दील

पूर्व की घटनाओं से सीख लेते हुए किसानों के आक्रोश मार्च की सूचना पर जिला प्रशासन प्लांट एरिया में काफी सक्रिय रहा. मेन गेट छावनी में तब्दील रहा. हालांकि मार्च केवल मेन रोड तक ही निकाला गया. मेन गेट पर डीएसपी, बीडीओ,सीओ समेत मुफ्फसिल, राजपुर, इटाढ़ी, धनसोई व टाऊन थाना के थाना प्रभारी व सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात रहे.

किसानों के आक्रोश मार्च की सूचना पर थर्मल पावर प्लांट के मेन गेट पर पहुंचे एसडीएम धीरेंद्र मिश्रा ने कहा कि किसान, कंपनी और प्रशासन के बीच हुए समन्वय समिति की बैठक काफी सकारात्मक रही है. अगर आगे भी किसान बैठते हैं तो एक के बाद एक मामलों को सुलझाने का प्रयास किया ही जाएगा. किसानों की कई समस्याओं के निराकरण में काफी आगे तक काम हो चुका है. कुछ मामले सुलझा भी लिए गए है.

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