पुलिस दमन के खिलाफ प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर ने निकाला प्रतिरोध मार्च डीएम को सौंपा 11 सूत्री मांग पत्र






नेशनल आवाज़/बक्सर : – प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के तत्वावधान में 20 मार्च2024 को जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा की गई बर्बरता के खिलाफ काला दिवस के रूप मे काली पट्टी बांधकर प्रतिरोध मार्च निकाला गया.यह मार्च चौसा गोला से जिला समाहरणालय तक पहुंचा.जहां एक नुक्कड़ सभा की गयी. जिसकी अध्यक्षता प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के अध्यक्ष राम प्रवेश यादव ने की एवं मंच संचालन डा. विजय नारायण राय ने किया किया.
इसमें मुख्य अतिथि भारतीय किसान यूनियन बिहार प्रदेश प्रभारी तथा संयुक्त किसान मोर्चा बिहार के संयोजक दिनेश कुमार तथा आल इण्डिया किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव अशोक प्रसाद सिंह ने इसका प्रतिनिधित्व किया.इस मार्च में शामिल अजय मिश्रा भारतीय किसान यूनियन बक्सर के संयोजक, जयमंगल पांडेय, जगतारन राम,रमेश राम,शिवजी सिंह, सियाराम सिंह, नन्द कुमार राम,घनश्याम चौधरी,तेतरी देवी,रामनजर राय, जितेंद्र राय, शैलेश राय, हरिश्चंद्र साह, ओमकार चौहान, रामाकांत राजभर,नन्दलाल सिंह, नरेन्द्र तिवारी,शर्मा तिवारी,गोरख नाथ पांडेय एकराम खाॅ,लाला राय,राधाप्रसाद राय,गुड्डु सिंह ने अपने मांगो के समर्थन में आवाज उठाया.
वक्ताओं ने कहा कि अगर तत्काल प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर बेरोजगार नौजवान की विधी सम्मत मांगो का समाधान नही हुआ तथा वैसे कर्मी जो किसानो के घरो में घुसकर महिलाओ बच्चों के साथ कुकृत्य किए है.उनको चिन्हित कर उनके उपर कानूनी कार्रवाई नहीं किया जाता है तो अपने इंसाफ के लिए प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने के लिए मजबूर हो जाएगा.
जिस तरह से प्रशासन की मिली भगत से STPL कंपनी यहाँ के प्रभावित किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान को लुटने का कार्य कर ही रही है वो अब नही होने देना है. सभी लोगो के सामने दिखाई दे रहा की कंपनी तथा जिला प्रशासन लुट खसोट मचाए है. किसान के परिवार के बच्चों को नौकरी देना है.नौकरी न लेने के स्थिति मे 3000/रू प्रति माह प्लांट के अवधी तक प्रत्येक वयस्क भू-धारी परिवार को अंतिम विकल्प एक मुस्त 500000/रू प्रत्येक वयस्क भूधारी परिवार को देना है.
परन्तु कंपनी तथा जिला प्रशासन जबरदस्ती 390000/रू दे रही है. वही प्रभावित मजदूर पौनी को एक मुस्त 750 दिन का मजदूरी जोड़कर उन लोगो को देना है, जो अभी तक उन लोगो के उपर कोई भी संज्ञान आज तक नही लिया गया. साथ ही उन किसान की जो जमीन अधिग्रहण की गई है. जिनको आवास हेतु आवंटित की गई थी. उस जमीन के बदले जमीन दी जानी थी. आज तक उस पर भी कोई संज्ञान नही लिया गया. धरना समाप्ति के बाद डीएम अंशुल अग्रवाल को 11 सूत्री मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा गया.