धारा प्रवाहित हाईटेंशन तार से बिजली मिस्त्री हुआ जख्मी,हालत गम्भीर ,चंदा इक्ठ्ठा कर वाराणसी में चल रहा इलाज
नेशनल आवाज़/बक्सर :- राजपुर थाना क्षेत्र के बसही फीडर में हुई खराबी को बनाने के दौरान बिजली मिस्त्री शिवजी सिंह पिता गंगा सागर सिंह गंभीर रूप से जख्मी हो गया है.जिनका इलाज वाराणसी में चल रहा है. घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बिजली मिस्त्री पुरैनी गांव निवासी गंगासागर सिंह का पुत्र शिवजी सिंह है.यह पिछले कई वर्षों से तियरा सेक्शन क्षेत्र में काम करता है.विगत 27 दिसंबर को बसही फीडर में आयी खराबी को बना रहा था. इससे पूर्व इसने पावर हाउस से शट डाउन की बात भी कहा था.
काम करने के दौरान अचानक यह हाई टेंशन तार की संपर्क में आ गया और वह गंभीर रूप से घायल होकर गिर पड़ा.आसपास मौजूद लोगों ने इसे तत्काल इलाज के लिए सीएचसी में भर्ती कराया. जहां से बेहतर इलाज के लिए बक्सर सदर अस्पताल एवं वाराणसी भेज दिया गया है. अस्पताल में इनके हाथ में आए गंभीर जख्म होने से संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए चिकित्सकों ने दाहिने हाथ को काट दिया. साधारण परिवार में होने से इलाज पर आए खर्च को उठाना काफी उनके लिए मुश्किल था. ऐसे में मानव बल के यूनियन नेता असलम इराकी के नेतृत्व में सामूहिक रूप से चंदा इकट्ठा कर इलाज करने का काम शुरू किया है.साथ ही अन्य लोगों से भी इसके मदद के लिए गुहार लगाई है.
बिजली कर्मियों ने जताया आक्रोश
इस दुर्घटना से घायल साथी मित्र की दुर्दशा को देख बिजली कर्मियों ने विभाग एवं सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया है.बिजली मिस्त्री संजीत पाल,हरिशंकर सिंह,संतोष राय,संतोष गुप्ता, शिवशंकर सिंह ने बताया कि विभाग के निर्देश पर सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक काम करना है.फिर भी किसी जगह पर आई तकनीकी खराबी को बनाने के लिए विभागीय एवं ग्राहकों का दबाव बन जाता है.इस समय के बाद भी काम करना मजबूरी हो जाता है.
काम करने के लिए जब भी फील्ड में जाते हैं तो उसके लिए विभाग के तरफ से कोई सुरक्षा कवच प्रदान नहीं किया गया है.यह पहली घटना नहीं है जब इस तरह की हुई है. इससे पूर्व भी कई बड़ी घटनाएं हुई है. जिसमें इससे पूर्व एक बिजली मिस्त्री के घायल होने से इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है. एक मिस्त्री संतोष गुप्ता भी बुरी तरह से जख्मी हुए थे.जिनका इलाज होने के बाद स्वास्थ्य में सुधार हुआ था. तब तक इस घटना ने एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है.किसी भी बिजली कर्मियों का सरकार के तरफ से कोई बीमा भी नहीं कराया गया है.
मानदेय के आधार पर मिलने वाले राशि से ही परिवार का गुजारा होता है. ऐसे में बड़ी घटना होने पर कोई पूछने वाला भी नहीं है. सबसे बड़ी बात है कि इस घटना के बाद किसी अधिकारियों ने सुध नहीं ली है.अभी तक कोई सुरक्षा मदद के लिए प्रयास नहीं किया है. इन लोगों ने एक स्वर में मांग किया कि विभाग के तरफ से बीमा के साथ दुर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्च उठाना चाहिए.आज इसका परिवार आर्थिक तंगहाली से जूझ रहा है.