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सम्राट अशोक महान जन्मोत्सव पर निकाली गयी भव्य झाँकी
अशोक स्तम्भ और राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह बना आकर्षण का केंद्र ,इतिहासकारों ने शासन नीति पर दिया व्याख्यान






नेशनल आवाज़
पटना :- बिहार की राजधानी पटना में सम्राट अशोक क्लब शाखा बिहार के तत्वाधान में सम्राट अशोक महान के जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों के साथ आमलक स्तूप (गोलघर) पार्क से भव्य झांकी निकाली गयी. इस झांकी को राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों के साथ सुसज्जित रथ के साथ सैकड़ों के तादाद में खड़े लोग तिरंगे झंडे और राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों को हाथ में तख्ती लिए” भारत की है जिससे शान ,विजयी विश्व अशो
Jक महान आदि गगन भेदी नारे लगाये गये.शहर के विभिन्न जगहों से होकर श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल पहुंचा.दोपहर बाद व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया.जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष दीनानाथ मौर्य एवं संचालन कुमार प्रवीण ने की. लोक कल्याणकारी राज्य के प्रवर्तक सम्राट अशोक महान विषय बिंदु पर प्रकाश डालते हुए वक्ताओं ने सम्राट अशोक जामुन के शासन नीतियों पर विचार व्यक्त किया. अंतरराष्ट्रीय भाषा वैज्ञानिक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह ने पटना के प्राचीन गौरवशाली इतिहास के बारे में कहा कि भिखना पहाड़ी भी सम्राट अशोक ने अपने भाई को प्राकृतिक आबो हवा में रहने के लिए बनाया था.


यही से सम्राट अशोक के पुत्र महेंद्र ने विश्व शांति की कामना लिए श्रीलंका को रवाना हुए थे. जिसका उदाहरण आज भी पटना का महेंद्रु घाट मौजूद है. भारत के इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास को सही तरीके से नहीं बताया. जब माननीय मुख्यमंत्री ने पहली बार वर्ष सम्राट अशोक महान जयंती के अवसर पर छुट्टी की घोषणा की तो प्रदेश में भूचाल आ गया. लोगों ने कहा कि उनकी जयंती मनाता कौन है ? इतिहास के पन्नों में अंकित है कि 12 वीं सदी में अकोलिया का राजा जयबर्मन अपने शासनकाल में सम्राट अशोक की जयंती मनाते थे. वह भी सात दिनों तक.इतिहासकारों को अभी भी इतिहास को गहराई से जानने की जरूरत है. दुर्भाग्य है कि आज तक पटना में सम्राट अशोक एवं महेंद्र जैसे लोगों के बारे में कोई ठोस पहल नहीं की गयी. सम्राट अशोक का इतिहास गौरवशाली रहा है.विशिष्ट अतिथि राज्य सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी सम्राट अशोक के विचारों से काफी प्रभावित है.इनका शासन भी उन्ही की तरह चल रहा है.आज कुछ लोग पुष्यमित्र शुंग के रास्ते पर चलने को तैयार है.बुरे विचारों को नहीं अपनाना है.कुछ लोग कहते है कि समाज के लिए करते है लेकिन वैसे लोग अपना टेंट लेकर अलग-अलग दलों में जा रहे है.ऐसे में समाज का निर्माण नहीं हो रहा है.अंधविश्वास को छोड़कर बुद्धि की तरफ चलिए.खुले मंच से आह्वान किया कि बुलेट को मजबूत करें. तभी सम्राट अशोक का वंशज इस कुर्सी पर बैठेगा.आपकी ताकत से सम्राट अशोक का वंशज देश का नेतृत्व करेगा.
मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी दी गयी उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि सरकारी तौर पर एक दिन की छुट्टी व माल्यार्पण को बढ़ावा दिया गया है.सम्राट अशोक के शासन काल तक्षशिला में भी बना है.यह विश्वविद्यालय भी शिक्षा का सन्देश दे रहा है.बिहार में नालंदा विश्वविद्यालय का खंडहर होने के बाद उसी तरह का 500 एकड़ में इसके नाम पर नालंदा विश्वविद्यालय की तरह बनाया गया है.अब इसमें अंतराष्ट्रीय स्तर तक कि पहल करनी है.पटना में अंतर्राष्टीय कन्वेंशन भवन में ज्ञान भवन,बापू सभागार,सभ्यता द्वार है.इसी परिसर को सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र हो गया है.यहां सम्राट अशोक की अच्छी प्रतिमा भी लगी है.हमलोगों के तरफ से बुद्धिज्म के लिए बहुत कुछ किया गया है.सम्राट अशोक की शासन नीति विदेशों तक था.आज भले ही देश के कई हिस्से दूसरे देश में चला गया फिर भी बुद्धिज्म जिंदा है.बुद्ध स्मृति पार्क में पहले जेल था.जहाँ पहले लोगों को कैद रखा जाता था आज उसमें बुद्धा स्मृति पार्क है.अगर आप लोग उत्साह के साथ शामिल है तो उनके विचारों को अपनायेंगे.
राजनीति में बगैर नाम लिए उपेंद्र कुशवाहा पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग इधर उधर कर रहे है .जिसको जहाँ जाना है वहां जाए. आप सभी को इनसे बचकर रहना है.आज कल कुछ लोग दायें बायें कर रहे है तो उससे सचेत रहने की जरूरत है.बाकी लोग जो कर रहे है उनसे सतर्क रहने की जरूरत है.कुछ लोग इस समय सिर्फ दो लोगों का नाम लेकर प्रचार कर रहे है.आपस मे प्रेम व भाई चारे को बनाकर रखेंगे.कुछ लोगों को बुद्धिज्म से मतलब नहीं है फिर भी लोगों को बरगलाने व सम्राट अशोक को याद करने के लिए दिल्ली से आ रहे है.सम्राट अशोक क्लब को आग्रह पूर्वक कहा कि समय पर भूलियेगा मत.सम्राट अशोक का वंशज ही सम्राट को याद करेगा.इस कार्यक्रम में सूरज सिंह नालवा,मोहम्मद अनिसुर रहमान कासमी,कृष्णा जी कुशवाहा,शहीद जगदेव प्रसाद की पुत्री मधु सिंह,डॉ विरेंद्र सिंह,राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ सचिदानंद मौर्य के अलावा अन्य लोगों ने सम्राट अशोक एवं उनके शासन नीतियों पर प्रकाश डालते हुए देश को समृद्धशाली भारत बनाने का आह्वान किया.

