पंचायत चुनाव में सभी आरक्षित पदों के चक्र में होगा बदलाव मुखिया, बीडीसी,जिला परिषद की सीटों के लिए तैयार होगा आरक्षण रोस्टर
नेशनल आवाज़ :- बिहार में लगभग 8 महीने बाद 2025 में ही बिहार विधानसभा का चुनाव होगा. इसके अगले वर्ष 2026 में त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव कराया जाएगा. जिस पंचायत चुनाव में सभी आरक्षित कोटि के पदों के चक्र में बदलाव होगा. पिछले दो चुनाव में जिन पदों पर जिस कोटि के प्रत्याशियों को आरक्षण का लाभ दिया गया था. अब वहां पर आरक्षण का चक्र बदल जाएगा. त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और महिलाओं को अधिकतम 50% आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है.राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव में तीसरी बार आरक्षण के चक्र में बदलाव होगा. पंचायत राज अधिनियम में प्रावधान है कि लगातार दो आम चुनाव के बाद आरक्षण का चक्र बदल जाएगा.
वर्ष 2006 में पहली बार सभी पदों का आरक्षण किया गया था. जिसका चक्र 2011 के आम चुनाव में समाप्त हो गया. वर्ष 2016 और 2021 के पंचायत आम चुनाव में एक पद पर लगातार दो बार जिस कोटि के प्रत्याशियों के लिए आरक्षित किया गया था. अ दब वर्ष 2026 में पंचायत एवं चुनाव का वह चक्र बदल जाएगा. जहां पर जिस कोटि के प्रत्याशियों के लिए 2021 में पद आरक्षित है उसे समाप्त कर जनगणना के आधार पर नए सिरे से आरक्षण का लाभ दिया जाएगा. त्रिस्तरीय पंचायत में पदों का आरक्षण अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को उसकी जनसंख्या के अनुपात में दिया जाता है.
अगर किसी निर्वाचन क्षेत्र में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की आबादी 25% है तो वहां उस कोटि के पदों का आरक्षण भी 25% होगा. शेष पदों में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशियों को 20% के निकट होगी. पदों का आरक्षण जिला दंडाधिकारी द्वारा विहित रीति से तैयार किया जाएगा. आरक्षण के गाइडलाइन के अनुसार पंचायत सदस्यों का आरक्षण ग्राम पंचायत के कुल पदों के आधार पर तैयार किया जाएगा. जबकि मुखिया के पदों का आरक्षण एक पंचायत समिति के अंदर आने वाले ग्राम पंचायत के आधार पर तैयार किया जाएगा. इसी प्रकार से पंचायत समिति के सदस्यों का आरक्षण उस पंचायत समिति के कुल सदस्यों के आधार पर तैयार किया जाएगा. प्रखंड प्रमुख का आरक्षण प्रत्येक जिला के कुल पदों का 50% होगा. इसी प्रकार से जिला परिषद सदस्यों का आरक्षण हर जिले के कुल सदस्यों की संख्या का 50% होगा. जिला परिषद अध्यक्ष के पदों का आरक्षण राज्य में जिला अध्यक्षों के कुल पदों का 50% होगा.