Buxar News : बच्चों को शिक्षा के साथ बुद्धि और संस्कार गढ़ने की जरूरत : रविराज






नेशनल आवाज़/बक्सर :- विश्वामित्र की तपोभूमि व प्रभु राम की शिक्षास्थली रही है. इस स्कूल में बच्चों को सनातन परम्परा के साथ वर्तमान परिदृश्य के तहत बच्चों को संस्कार के साथ शिक्षा दी जा रही है. जो बेहद ख़ुशी की बात है. गांव के छोटे-छोटे बच्चों की प्रतिभा सराहनीय है. कहा जाता है कि भोले भाले बच्चे कच्ची मिट्टी जैसे होते हैं उन्हें जिस आकार में ढाला जाए ढल जाते हैं. ऐसे में शिक्षकों की जिम्मेदारी बहुत बड़ी हो जाती है, बच्चों को शिक्षा के साथ साथ उनकी ज्ञान, बुद्धि और संस्कार को गढ़ने की. जो शिक्षक मेहनत करते हैं अपने कर्तव्य निर्वहन में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते ऐसे शिक्षकों को छात्र छात्राएं भी अपने जीवन में कभी नहीं भूलते.

स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे ही देश के भविष्य हैं. उक्त बातें संत पॉल कान्वेंट स्कूल चौसा के 15वें वार्षिकोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल महर्षि विश्वामित्र फाउंडेशन के शाहाबाद संयोजक रविराज ने अपने मुख्य अतिथि अविभाषण के दौरान कही.इससे पहले मुख्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. स्कूल के प्रिंसिपल प्रीति दुबे की अध्यक्षता और डायरेक्टर अमीत दुबे के संचालन में आयोजित उक्त कार्यक्रम में भारी संख्या में अभिभावक और छात्र मौजूद रहे.
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए सरस्वती वन्दना, स्वागत गान, नृत्य, संगीत, देशभक्ति गान, डांडिया नृत्य, भाषण, एकांकी नाटक, सोशल मिडिया के दुस्प्रभाव पर नाटक ने मौजूद सैकड़ों अभिभावको को मंत्र मुग्ध कर दिया.कार्यक्रम में मौजूद उप चेयरमैन प्रतिनिधि विकास राज, उदय दुबे, गिट्टू तिवारी, वैदेही शरण श्रीवास्तव, अजय सिन्हा आदि ने अपने अपने विचारों से बच्चों को अवगत कराया. कार्यक्रम में सुरेन्द्र चौबे, शैलेश राय, विनोद चौबे, मिस एलिश, शिल्पी, काजल के अलावे अराध्या, सौरभ, अंजली, साक्षी, नव्या, ख़ुशी, आदिति आदि का सराहनीय योगदान रहा.

