भोले बाबा सत्संग में मची भगदड़ 100 से अधिक लोगों की हुई मौत,पीएम मोदी ने जताया दुःख
नेशनल आवाज़ :- उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 100 से अधिक हो गई है. उत्तर प्रदेश पुलिस के आगरा ज़ोन के एडीजी कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है. यह घटना हाथरस शहर से 40 किलोमीटर दूर फूलरई गांव की है. जहां इस गांव में भोले बाबा का सत्संग हो रहा था. यह सत्संग सुबह 8:00 बजे शुरू हुआ जिसमें अलग-अलग राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु सत्संग में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. दोपहर 2:00 बजे के करीब सत्संग का जैसे ही समापन हुआ श्रद्धालुओं की भीड़ पंडाल से निकलने के लिए बेकाबू हो गई.लोग एक दूसरे को धक्का देने लगे. कई लोग एक दूसरे पर गिरे.फिर पंडाल में भगदड़ मच गई. लोग चीखने चिल्लाने लगे और एक दूसरे को रौंदते गए. गांव के ग्रामीणों के मुताबिक इस सत्संग की जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी थी. कुछ पुलिसकर्मी भी पंडाल के पास मौजूद थे. फिर भी भींड़ बेकाबू हुई तो पुलिस लाचार नजर आई.
हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने हाथरस हादसे में क़रीब 60 लोगों के मारे जाने और 18 लोगों के घायल होने की जानकारी दी थी.प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या अभी और बढ़ सकती है. लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर रखे गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाथरस की घटना पर दुख जाहिर किया.
उन्होंने कहा, “इस समय चर्चा के बीच मुझे एक दुखद खबर भी दी गई है. यूपी के हाथरस में जो भगदड़ हुई उसमें अनेकों लोगों की दुखद मृत्यु होने की जानकारी आ रही है. जिन लोगों की इस हादसे में जान गई है मैं उनके प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. मैं सभी घायलों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करता हूं. राज्य सरकार की देखरेख में प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है. मैं इस सदन के माध्यम से सभी को भरोसा देता हूं कि पीड़ितों की हर तरीके से मदद की जाएगी.”
हाथरस के डीएम आशीष कुमार ने बताया कि 50 से 60 लोगों की मौत हुई है. मृतकों की सटीक संख्या अभी बताना संभव नहीं है. उन्होंने कहा, “लोगों को वहां से निकाला जा रहा है और घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है.”
डीएम आशीष कुमार ने कहा, “समागम के दौरान जब बहुत ज्यादा उमस होने लगी तो लोग वहां से निकलने लगे. उसी समय हादसा हुआ. घटना की जांच के लिए उच्च अधिकारियों की एक जांच कमेटी बनाई गई है. इस आयोजन की इजाजत एसडीएम ने दी थी. ये एक प्राइवेट आयोजन था. कानून-व्यवस्था के लिए प्रशासन की ड्यूटी लगाई थी, जबकि भीतर की व्यवस्था आयोजकों की ओर से की जानी थी. हादसे की असली वजह क्या है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा. लेकिन फिलहाल प्रशासन का फोकस ये है कि जो लोग घायल हैं उन्हें जल्दी इलाज मिले.”