संयुक्त किसान मोर्चा ने निकाला प्रतिरोध मार्च 17 सूत्री मांगों के समर्थन में उठाई आवाज
नेशनल आवाज़/बक्सर :- जिले के रेलवे स्टेशन के समीप से संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में प्रतिरोध मार्च निकाला गया. जिसकी अध्यक्षता बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने किया. इनके नेतृत्व में सैकड़ो की संख्या में किसानों का जत्था सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए समाहरणालय परिसर के समीप पहुंचकर धरने पर बैठ गए. इस प्रतिरोध मार्च में बनारपुर,कोचाढ़ी मोहनपुरवा में किसानों पर हुए जुल्म की न्यायिक जांच करो,कॉर्पोरेट लुटेरे भारत छोड़ो, किसानों का कर्जा माफ करो, वर्तमान बाजार दर से चार गुणा जमीन का मुआवजा देना होगा, 60 साल की उम्र से सभी किसानों मजदूरों को ₹10000 मासिक पेंशन दो,एम एस पी की कानूनी गारंटी दो, बिहार में पुनः फसल बीमा योजना चालू करो,बिजली बिल विधेयक 2022 वापस लो आदि गगनभेदी नारे लगाए गए.
प्रतिरोध मार्च में किसान नेता केदार सिंह, अजय मिश्रा,सुरेंद्र सिंह, शिवजी सिंह, तेतरी देवी, शैलेश राय,सियाराम यादव,अनिल तिवारी, लाल साहेब उपाध्याय एवं जय मंगल पाण्डेय के अलावा अनेक लोग शामिल रहे. किसान नेता अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि आज तो सिर्फ महा भारत मे कृष्ण पांच गांव की मांग लेकर गए थे.उसी तरह आज हम अपने 17 सूत्री मांगों को लेकर हुक्मरान को देने आए हैं.यदि हमारी मांगे नहीं सुनी गई और इसकी पूर्ति नही हुई तो हम एक बड़े आंदोलन की तैयारी करेंगे.इसके लिए गांव-गांव में किसानों को एकजुट करने हेतु किसान चौपाल लगाएंगे. उन्होंने कहा कि 20 मार्च को जो कुछ जिला प्रशासन के नेतृत्व में चौसा में हुआ, उससे मानवता शर्मसार हुई है.
हम बनारपुर कोचाढी और मोहनपुरवा की घटना की न्यायिक जांच की मांग करते है.दोषी को जबतक सजा नहीं मिलेगी तब तक किसान चैन से नहीं सोयेंगे.उन्होंने कहा कि किसानों पर से झूठे मुकदमों को वापस लिया जाए.रेलवे कॉरिडोर पाइपलाईन और एन एच 319 ए में कम से कम जमीन लिया जाए. वर्तमान बाजार दर से चार गुणा जमीन का मुआवजा तथा परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी की गारंटी हो.उन्होंने कहा कि ज्यादा झूठ बोलने वालों का यदि विश्व में कोई ओलंपिक किया जाए, तो मोदी जी गोल्ड मेडल लेकर के भारत आएंगे. किसानों के साथ जो कुछ लिखित समझौता किया गया. उसे आज तक पूरा नहीं किया गया. 2022 तक किसानों की आय दुनी करने का मोदी गारंटी आज तक पूरा नहीं हुआ.
संसद में किसान विरोधी पेश बजट के बदले, अलग से कृषि बजट संसद में पेश हो और पूरे बजट का 30% प्रतिशत कृषि पर खर्च हो.पांच सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल में अशोक प्रसाद सिंह,सुरेंद्र सिंह,शैलेश राय,केदार सिंह, अनिल तिवारी ने जिला समाहर्ता के प्रतिनिधि उपसमाहर्ता श्रीमती अनुपम सिंह को स्मार-पत्र सौपा.उन्होंने सहानुभुति पूर्वक मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया.