गंगा नदी में मछली की कई प्रजातियों की होगी बढ़त डीएम ने गंगा नदी में मछली छोड़कर रिवर रैचिंग का किया आरंभ
प्रजनन काल में मछली पकड़ने पर लगी रोक
बिहार राज्य में नदियों के परिस्थितिकी तंत्र पर निम्न कारणों से प्रतिकूल असर पड़ा है.मानव गतिविधियाँ यथा नदियों पर बाँध निर्माण, परिवहन हेतु नौका संचालन आदि.अविवेकीय मत्स्य दोहन नदियों से अत्याधिक मछली की निकासी, प्रजनन काल में मछली निकासी एवं पर्यावरण प्रदूषण ,कारखानों के प्रदूषित जल एवं शहरों के प्रदूषित जल का नदियों में प्रवाह.इन सभी कारकों से नदियों का मत्स्य उत्पादन में कमी, मूल मत्स्य प्रजातियों की विविधता में कमी, मत्स्य उद्योग की अपरिवर्तनीय क्षति एवं मछुआरों की आय में कमी एवं नदियों के जल की गुणवता में कमी आयी है.जिसमें तेजी के साथ बदलाव आएगा.
इन्होंने मछुआरों से अपील करते हुए कहा कि 15 जून से 15 अगस्त तक नदियों में शिकारमाही प्रतिबंध रहेगी. यह समय मछलियों का प्रजनन काल है एवं मत्स्य उत्पादन एवं संख्या में वृद्धि हेतु महत्वपूर्ण है.चार सेंटीमीटर से कम साइज का फासाजाल (गिलनेट) का उपयोग प्रतिबंध रहेगा. शिकारमाही हेतु विस्फोटक एवं जहरीले पदार्थ का उपयोग प्रतिबंध रहेगा. प्रतिषेध के महीनों में मछुआरों को वित्तीय राहत हेतु राहत-सह-बचत योजना का लाभ दिया जाएगा.कार्यक्रम में जिला मत्स्य पदाधिकारी बक्सर एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.