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जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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Labour protest

थर्मल पावर प्लांट के कामगारों ने किया हड़ताल बकाया राशि देने एवं मजदूरी बढ़ाने को लेकर उठाई आवाज

नेशनल आवाज़/बक्सर :- चौसा के निर्माणाधीन 1320मेगावाट थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य में लगे मजदूरों ने एजेंसी द्वारा बकाया राशि और कम मजदूरी दिये जाने का विरोध करते हुए सांकेतिक हड़ताल किया. निर्माण कार्य बाधित होने पर अधिकारियों में हड़कंप मच गया.थर्मल पावर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य में लगे हजारों मजदूरों ने गुरूवार की सुबह अचानक थर्मल पावर प्लांट के मेन गेट को जाम कर दिया. जिससे दोपहर तक प्लांट के अंदर आवाजाही प्रभावित रहा.

दोपहर बाद पॉवरमेक से जुड़े सभी मजदूर अपने आप को लेबर कालोनी में कैद कर लिया. जिसके बाद से ही कम्पनी के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. बीपीआईएस के जवानों और मुफ्फसिल पुलिस प्रशासन के अलावें कम्पनी के अधिकारी मजदूरों के बीच पहुंच उन्हें समझा बुझाकर काम पर लौटने के लिए मनाते नजर आए लेकिन मजदूरों का साफ कहना था कि जब तक हमारी मांगो पर लिखित रूप से विचार नहीं किया जायेगा हमलोग काम पर नहीं लौटेंगे.

चौसा अखौरीपुर लेबर कालोनी और सरेंजा गांव के पास स्थित लेबर कालोनी के हजारों मजदूरों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने से निर्माण कार्य बाधित हो गया. कुशीनगर से पॉवर मैक कम्पनी के अंदर कार्य कर रहे गेट जाम किए वर्कर कामेश्वर साहनी ने कहा कि हमारा मांग यहीं है की बोर्ड रेट के हिसाब से पैसा मिलना चाहिए. साथ ही कंपनी काम करा कर कभी चार महीने तो कभी पांच महीने पर पेमेंट कर रही है. हमें महीने के महीने पेमेंट चाहिए. साथ ही जो लोग काम नहीं कराना चाहते हैं उसमें मजदूरों को पांच डिमांड के साथ फाइनल किया जाता है. कंपनी दो डिमांड पर फाइनल देने की बात कर रही है.

मजदूरों ने कहा कि दिसंबर महीने के लास्ट में जिस कंपनी में काम करते है. उसने कहा की घर जाओ, किराया भी जाने का दिया और कहा कि अभी माहौल ठीक नही है हम रिस्क नहीं ले सकते है. कम्पनी के कहने पर हमलोग घर चले गए. एक महीने घर पर बैठाए रखा उसके बाद फिर काम पर बुला काम कराया जा रहा है. जो एक महीने घर बैठे थे उसका भी पेमेंट कंपनी करें नहीं तो हम हड़ताल पर रहेंगे.

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