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जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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Kisan protest

503 वें दिन आंदोलनकारियों किसानों ने मांगों के समर्थन में उठायी आवाज

नेशनल आवाज़ /बक्सर :- चौसा थर्मल पावर प्लांट के पास जिला प्रशासन और एसटीपीएल थर्मल पावर प्लांट के तानाशाही रवैया के खिलाफ प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के बैनर तले एसटीपीएल मुख्य प्लांट गेट के पास शनिवार को किसान मजदूरों का आंदोलन 503वें दिन भी जारी रहा. जिसकी अध्यक्षता इंटक के प्रदेश महासचिव रामप्रवेश सिंह यादव तथा संचालन शिवजी तिवारी ने किया. आंदोलन को संबोधित करते हुए किसान वक्ताओं ने कहा कि मोर्चा के तत्वावधान में पिछले 16 माह से धरना दिया जा रहा है. 227 एकड़ रैयती जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में जिस तरह मात्र 13 मजदूर को कंपनी द्वारा दर्शाया गया है तो जिला प्रशासन के उन पदाधिकारी तथा STPL के वरीय पदाधिकारी से धरनार्थी जानना चाहते है की पूर्व मे 1058 एकड़ जमीन अधिग्रहित में कितने मजदूर है. क्या स्वतः उस जमीन पर खेती होती थी उसमे मजदूर काम नहीं करते थे. जबकी कंपनी के SIA रिपोर्ट में यह बताया गया है कि यह जमीन काफी उपजाऊ है.

साथ ही साथ जिला प्रशासन द्वारा बोरिंग कूआं ट्यूबवेल का भुगतान भी किया है. जिसका साक्ष्य जिला प्रशासन तथा किसान के पास उपलब्ध है. ऐसा दोगलापन नीति न लागु करे जिसका परिणाम कंपनी को भुगतना पड़े. धरनारत किसान मजदूर STPL कंपनी को सलाह देता है कि पहले पूर्व में अधिग्रहित 1058 एकड़ जमीन मे कार्य कर रहे कुल मजदूर का आकलन करके मजदूर की संख्या बताए तथा उन मजदूर का R&R पाॅलिसी का लाभ तत्काल प्रभाव से लाभ मिल सके. STPL कंपनी के वरीय पदाधिकारी जिला प्रशासन के कुछ वरीय पदाधिकारी को मेल मे लेकर धरनारत तथा प्रभावित किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान को दिग्भ्रमित करने का काम कर रहे है.

जबतक 11सूत्री मांगों को लागू नहीं किया  जाता तबतक प्लांट के मेन गेट के पास ही धरना दिन रात जारी रहेगा. अगर प्रशासन और कंपनी पूर्व की बैठकों में हुए साकारात्मक वार्ता को अविलंब लागू नहीं करते है तो भविष्य में प्लांट के मेन गेट में तालाबंदी को आंदोलनकारी बाध्य हो जायेगे. इस दौरान अंशु चौबे, झींगुरी राय, नन्द कुमार शर्मा, राजनारायण चौधरी, घनश्याम चौधरी, रामाशंकर चौधरी, मेराज खाॅ, शिवदयाल सिंह, शिवजी सिंह, नरेन्द्र तिवारी, अबुलैस खॉ, रामअवध सिंह यादव, जयमंगल पांडेय, जितेंद्र राय, शैलेश राय, प्यारेलाल सिंह, गोरख नाथ पांडेय, गोविंद साह, लेदा चौधरी, द्वरिका चौधरी, उपेंद्र पासवान, छेदी राजभर, ओमकार चौहान, रामाकांत राजभर सहित सैकड़ों की तादात में महिला,पुरूष,नौजवान बेरोजगार शामिल रहे.

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