Slide
जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
Slide
एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
Slide
अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
Slide

सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

Slide
क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
previous arrow
next arrow
Kisan protest

लारा कोर्ट के जज को कंपनी कर रही दिग्भ्रमित : किसान मोर्चा

नेशनल आवाज़/चौसा :-  प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा, चौसा (बक्सर) के बैनर तले 17अक्टूबर 2022 से चौसा-कोचस स्टेट हाईवे के किनारे मुरा बाबा के पास चल रहा किसानों का आंदोलन बुधवार को 409’वें दिन भी जारी रहा. अनिश्चितकालीन धरने का अध्यक्षता कर रहे इंटक के प्रदेश महासचिव रामप्रवेश सिंह यादव ने कहा कि लारा कोर्ट के जज साहब को दिग्भ्रमित करने के लिए STPL कंपनी के वरीय अधिकारी चौसा कैंप मे उपस्थित जज साहब के सामने ही कह रहे थे की कंपनी के आने से यहाँ बहुत विकास हो गया है. जमीन का रेट बढ गया है और 1250 लोगो को रोजगार उपलब्ध कराए है. 5 करोड़ का सब्जी दुध खरीद रहे है.

एसटीपीएल के वैसे अधिकारियों को बताना चाहता है कि कंपनी के आने से पहले छोटी बड़ी 25 राईस मिल यहां थी और तकरीबन उन राईस मिलों मे 5000 वर्कर्स काम करते थे. जो बनारपुर, सिकरौल, अखौरीपुर, न्यायीपुर, कनकनारायन पुर, बेचनपुरवा, मोहनपुरवा, कोचाढ़ी, कपलिया, चुन्नी, चौसा, कटघरवां आदि गाँवो के ही लोग काम करते थे और किसान अपने खेतो मे फसल उपजाकर उन मिलो मे बेचकर अपना भरण पोषण कर लेते थे.

लेकिन किसान जब से कंपनी को जमीन दिए है तब से किसान खेतिहर मजदूर बेरोजगार नौजवान की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है और कंपनी के वरीय अधिकारी कह रहे किसान रोड पर जाके सब्जी बेंचे. जब यहाँ के किसानों का जमीन बचा रहेगा तभी तो सब्जी और अनाज बेच पाएंगे. यह थर्मल कंपनी वरदान नहीं किसान/मजदूरों के लिए अभिशाप बनती जा रही. पुर्व मे अर्जित भुमि मे हुई अनियमितताओ के बारे में बताते हुए किसान वक्ताओं ने कहा कि किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान अपनी विधि सम्मत मांग रहा है. कोई उनसे भीख नही मांग रहा है. अब वाटर पाईप लाइन, रेल कॉरीडोर तथा अतिरिक्त जमीन अधिग्रहण नही होने देंगे. STPL कंपनी अपना एलायमेंट बदलकर अपना वैकल्पिक मार्ग चुने.

 अभी तक जिला प्रशासन तथा STPL कंपनी केवल बरगलाने का ही काम किया है.  STPL कंपनी जिला प्रशासन को झांसे मे लेकर सारे नियम कानून का धज्जिया उड़ाते हुए अपना 70% काम कर लिया है. तत्पश्चात वर्ष 2016 मे ही लारा कोर्ट मे हुई है जो आज तक उसका फैसला नही हुआ है अब किस विश्वास पर किसान अपनी जमीन आपत्ति के साथ दे. इन लोगो पर कोई विश्वास नही है. किसानो द्वारा एक स्वर मे कहा गया की कंपनी अपना वाटर पाईप लाइन, रेल कॉरीडोर तथा अतिरिक्त जमीन का एलायमेंट बदलकर अन्य मार्ग का विकल्प चुने तथा पुर्व मे अर्जित 1058 एकड़ जमीन का अन्तर राशि का तत्काल उसका लाभ दिया जाए.

प्रशासन तथा STPL कंपनी द्वारा धरनारत किसानो को दिया गया समय भी अब खत्म होने वाला है अब धरनारत किसान मजदूर बेरोजगार नौजवान कंपनी का कार्य कभी भी बन्द  करा सकते है. इस दौरान गोरख नाथ पांडेय, सिंगासन शर्मा, श्यामलाल चौधरी, सियाराम सिंह यादव, शिवजी सिंह, अनिल तिवारी, अनिल दुबे, नन्द कुमार शर्मा, हरिश्चंद्र साह, बीरेन्द्र सिंह कुशवाहा, खेदन चौधरी, भैरव राय, रामअवध सिंह यादव, बिन्दा देवी, पुनिया देवी, तेतरी देवी, सीताराम गोंड, रामाकांत राजभर, नन्दलाल सिंह, बरमेश्वर तिवारी, जितेन्द्र राय, गोविंद साह, केशव चौधरी, उपेंद्र पासवान, लक्ष्मण चौधरी, नखणु चौधरी, छेदी राजभर, रामबलि राजभर सहित सैकड़ों किसान/मजदूर मौजूद रहे.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button