







नेशनल आवाज़
राजपुर :- प्रखंड के बारूपुर पंचायत अंतर्गत उत्तमपुर गांव में पिछले पांच वर्षों से सरकारी ट्यूबवेल बंद पड़ा है.बोरवेल होने के बाद से एक दिन भी खेतों की सिंचाई नहीं की गई है.लाखों रुपए की लागत से लगभग एक सौ हेक्टेयर खेतों की सिंचाई करने के लिए भारत सरकार के तरफ से संचालित योजना के तहत नलकूप विभाग ने इस सरकारी ट्यूबवेल को यहां लगाया था. वर्ष 2018 में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए लगाया गया जो फिलहाल यह शोभा की वस्तु बना हुआ है.
विदित हो की पिछले कई वर्षों से इस इलाके में खेती करने वाले किसान अक्सर मानसून पर निर्भर रहते हैं. वर्षा होने पर या नहर में पानी आने पर ही खेती की जाती है. पानी के अभाव में सैकड़ों एकड़ खेत परती रह जाता था.इसको देखते हुए तत्कालीन मुखिया मिथिलेश पासवान ने पहल करते हुए नलकूप विभाग को यहां सिंचाई के लिए सरकारी ट्यूबवेल की मांग की गई थी. जिनके मांग पर यह लगाया गया. जिसको लगाने के लिए वाराणसी से आए कारीगरों ने लगभग 500 फीट गहरे बोरवेल किया.
जिसमें सभी यंत्रो को लगाकर इसकी सफाई भी कर दी गयी. यह दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि लाखों खर्च करने के बाद भी यहां बिजली का तार एवं खंभा नहीं गाड़ा गया है. इसके वजह से आज तक बेकार पड़ा है. इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है. इस गांव के किसान मुसाफिर राय, रमेश सिंह, रामकिशुन सिंह, रामनरेश सिंह, दीपक रजक, बबन राम ने आवाज उठाते हुए कहा कि इस सरकारी बोरिंग को चालू करने की जरूरत है.
अगर यह बोरिंग चालू हो जाता है तो अधिकतर किसान आर्थिक रूप से उन्नत हो सकते हैं. फिलहाल इसके बगल में ही विशाल पोखरा है. जिस पोखरा में वर्षा का पानी संचय होने के बाद लगभग 100 एकड़ से अधिक खेतों की सिंचाई की जाती है.फिलहाल मानसून कमजोर होने के बाद इसी सरकारी पोखरे में इलेक्ट्रिक मोटर एवं डीजल पंप सेट लगाकर लगभग 50 एकड़ से अधिक खेतों में धान की रोपनी की गई है. अभी भी सिंचाई की प्रक्रिया जारी है. किसानों का कहना है कि अगर यह चालू हो जाता है तो किसानों की कई गंभीर समस्या का समाधान हो सकता है.