Slide
जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
Slide
एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
Slide
अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
Slide

सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

Slide
क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
previous arrow
next arrow
Kisan protest

आंदोलनकारी किसानों ने निकाला आक्रोश मार्च , 11 सूत्री मांगों के समर्थन में उठायी आवाज़

नेशनल आवाज़/ चौसा :- अपनी 11सूत्री मांगों को लेकर पिछले 15माह से आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों द्वारा एसटीपीएल थर्मल पावर प्लांट और जिला प्रशासन के तानाशाही रवैया के खिलाफ आंदोलन के 469वें दिन रविवार को प्रभावित क्षेत्रों में आक्रोश मार्च निकाला गया. प्रभावित किसान खेतिहर मजदूर मोर्चा के द्वारा मार्च करने की सूचना पर जिला प्रशासन रविवार की अहले सुबह से ही अलर्ट मोड पर दिखाई दिया. थर्मल पावर प्लांट के मेन गेट के पास सुरक्षा कर्मी मुश्तैद रहे. आक्रोश मार्च मुरा बाबा स्थल के पास चल रहा धरनास्थल से अखौरीपुर गोला, यादव मोड़, बारा मोड़, दुर्गामंदिर, महादेवा घाट होते हुए चौसा स्टेशन, धर्मागतपुर के रास्ते सरेंजा तक निकाला गया. तथा पुनः वापस अपने धरनास्थल पर सभा में तब्दील हो गया. मार्च में सैकड़ों की तादात में महिला व पुरूष हाथों में तिरंगा लेकर निकले थे. बाईक, ट्रैक्टर पर भी किसान व युवा शामिल रहे.

मुरा बाबा स्थल के पास धरनास्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए इंटक प्रदेश महासचिव राम प्रवेश सिंह यादव ने कहा कि यहाँ के किसानों के साथ विश्वासघात हो रहा है. प्रभावित क्षेत्र के किसान भाईयों को अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए उन्हें जागरूक करने को लेकर रैली निकाले हैं. आगे कहा कि जिला प्रशासन द्वारा मांगों को पूरी करने के लिए चार सप्ताह का समय लिया गया था, लेकिन वह कंपनी और जिला प्रशासन की साजिश थी. साढ़े तीन माह बीत गया, लेकिन हमारी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया. यह केवल दिखाने के लिए था कि हम किसानों और मजदूरों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान निकाल रहे हैं.  किसान बिना मुआवजा बढ़ाए और R&R पॉलिसी लागू किए बिना अपनी जमीन पर कार्य नहीं कराने देना चाहते हैं. इसे लेकर लगभग 15 महीने से आंदोलन चल रहा है. किसानों ने एक स्वर में कहा कि जबतक हमारी मांगें मान नहीं ली जाती तबतक रेल कारिडोर, वाटर पाईपलाईन और अतिरिक्त भूमि पर किसी भी प्रकार का कार्य नहीं होने दिया जायेगा.

मोर्चा के द्वारा आक्रोश मार्च निकाले जाने की सूचना पर जिला प्रशासन प्लांट एरिया में काफी सक्रिय रहा. मेन गेट छावनी में तब्दील रहा. हालांकि किसानों का आक्रोश मार्च प्लांट एरिया की तरफ नहीं निकला. फिर पूर्व की घटनाओं को लेकर प्रशासन काफी चौकस रहा. मेन गेट समेत विभिन्न जगहों पर काफी संख्या में पुलिस बल तैनात रहे.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button