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जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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हर साल 51 गरीब परिवार की लड़कियों का विवाह कराएगी विश्वामित्र सेना : राज कुमार चौबे

नेशनल आवाज़/बक्सर : जिले के चक्की में रविवार को सनातन संस्कृति उत्थान कार्यक्रम सह सनातनी सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया .विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे ने धर्म और संस्कृति के उत्थान के लिए संबोधित करते हुए कहा कि बक्सर केवल एक ज़िला नहीं, बल्कि भारत की सनातन चेतना का केंद्र है. जहां भगवान राम ने धर्म और युद्ध का पाठ पढ़ा और विश्वामित्र मुनि ने यज्ञ की रक्षा की.

चौबे ने बक्सर की ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि यही वह भूमि है जहां ताड़का, मारीच और सुबाहु जैसे अधर्म के प्रतीकों का अंत हुआ.च्यवन ऋषि ने आयुर्वेदिक अमृत च्यवनप्राश की खोज की, अहिल्या उद्धार हुआ, वामन अवतार की पुण्यभूमि है और पंचकोशी परिक्रमा आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रदान करती है. उन्होंने कहा कि इतनी महान विरासत होने के बावजूद बक्सर को आज तक उसका उचित सम्मान नहीं मिला.

इसके लिए उन्होंने  स्थानीय नेताओं के साथ – साथ सांसद, विधायक और मंत्री को जिम्मेदार बताया और कहा कि उन्होंने बक्सर को कभी आध्यात्मिक राजधानी बनाने की दिशा में कदम नहीं उठाए. उन्होंने सड़कों की जर्जर हालत, अस्पतालों की बदतर स्थिति और सांस्कृतिक धरोहरों की उपेक्षा को गंभीर चिंता का विषय बताया.साथ ही, उन्होंने 10 ठोस मांगें रखीं — जिनमें विश्वामित्र मुनि की आदमकद प्रतिमा, च्यवन ऋषि स्मारक, राम-ताड़का युद्ध क्षेत्र को “धर्म युद्ध सर्किट” घोषित करना, पंचकोशी परिक्रमा को राष्ट्रीय तीर्थ पथ का दर्जा देना और “विश्वामित्र कॉरिडोर” का निर्माण शामिल है.

चौबे ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने पीएमओ को पत्र भेजा था और वहां से फोन पर आश्वासन मिला है कि उनकी बातें संज्ञान में ली गई हैं और कार्य शुरू हो रहा है. इसे उन्होंने पूरे बक्सर के लिए ऐतिहासिक क्षण करार दिया. कार्यक्रम में चौबे ने बिहार के अन्य धार्मिक स्थलों के विकास की भी मांग की. उन्होंने सीतामढ़ी, गया, अजगैबीनाथ (सुल्तानगंज), मां मुंडेश्वरी (कैमूर), देव (औरंगाबाद) और वाल्मीकिनगर जैसे प्रमुख तीर्थस्थलों के लिए विशेष योजनाएं बनाने और श्रद्धालुओं की सुविधाएं बढ़ाने का आग्रह किया.

उन्होंने बक्सर के युवाओं के पलायन, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और सांस्कृतिक उपेक्षा पर गहरी चिंता जताई.साथ ही कहा कि जब तक बक्सर को आध्यात्मिक राजधानी का दर्जा नहीं मिल जाता, विश्वामित्र आश्रम को अंतरराष्ट्रीय धरोहर का मान नहीं मिलता और पंचकोशी तीर्थ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान नहीं दी जाती, तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी.उन्होंने पूरे बिहार से आह्वान किया कि “बक्सर को उसकी गरिमा चाहिए” और “सनातन की लड़ाई लड़ी जाएगी.” उन्होंने कहा की चक्की गाँव से ही एक नई शुरुआत की जाएगी हर साल 51 ग़रीब परिवारों की लड़कियों का विवाह किया जाएगा.

इस अवसर पर कई लोगों को सम्मानित भी किया गया.कार्यक्रम में कृष्ण शर्मा शाहाबाद संयोजक, राजेश यादव, अनूप सिंह, लाल यादव, परमेश्वर सिंह, दिनेश सिंह, राहुल पांडेय, गोवर्धन चौबे, मुनमुन चौबे, अभय चौबे को सनातनी सम्मान से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का मंच संचालन जिला संयोजक मोहित दूबे ने किया. मौके पर अशोक उपाध्याय, तुलसी निषाद, कन्हैया जी, रमेश पासवान आदि लोग उपस्थित थे.

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