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जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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Education

बच्चों में पढ़ाई के साथ अनुशासन जरूरी : डॉ मोहन धूमधाम से मनाया गया विद्यालय का वार्षिकोत्सव

नेशनल आवाज़/बक्सर :- सफल बच्चों को सृजित करने में शिक्षक के साथ साथ अभिभावकों की सहभागिता बेहद जरूरी है. विद्यालय में जो बच्चे अनुशासन के साथ शिक्षा अर्जित कर घर जाते है उसको बरकरार रखना अभिभावक का दायित्व बनता है. कैंब्रीज स्कूल ने क्षेत्र को कई डाक्टर, इंजीनियर और आफिसर्स दिया है. प्रबंधन का मेन उद्देश्य क्षेत्र के बच्चों को डिसिप्लीन के साथ बेहतर शिक्षा देना है. बच्चों को मंच साझा कराने से उनका मनोबल ऊंचा होता है और उनकी प्रतिभा को निखारने का प्रयास है.

कार्यक्रम प्रस्तुत करते स्कूली छात्र

उक्त बाते कैंब्रिज स्कूल चौसा के पांचवें वार्षिकोत्सव समारोह में मंगलवार को मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कैंब्रिज ग्रुप संस्थान के डायरेक्टर डा.मोहन चौबे ने अपने मुख्य अतिथिय अविभाषण के दौरान कही.स्कूल के डायरेक्टर संजीव चौबे की अध्यक्षता में आयोजित इस वार्षिकोत्सव समारोह का उद्घाटन कैम्ब्रिज ग्रुप के निर्दशक डॉ मोहन चौबे, कैम्ब्रिज चौसा निर्देशक संजीव चौबे, टी.एन. चौबे, राजीव चौबे, एमके चौबे, विजय क्षत्रिय, वंदना मिश्रा के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया.

इसके बाद बच्चों ने सभी अतिथियों को मोमेंटों व बुके देकर स्वागत किया. कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना से की गई. बच्चों  की प्रस्तुति  ने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. भारत में अनेकता में एकता थीम पर  स्कुल के छात्र-छात्राओं ने राजस्थानी, नेपाली, बंग्ला नृत्य-संगीत के अलावे देशभक्ति गान, क्लासिकल डांस, ग्रूप डांस, सिंगल डांस, स्लो डांस प्रस्तुत कर उपस्थित सैकड़ों लोगों को आनंदित कर डाला.

कार्यक्रम का संचालन राधा, सुधांशु पाठक व देवराज ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्या वंदना मिश्रा के द्वारा किया गया. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक सिम्पी, प्रीति, सुप्रिया, सोनल, साधना, सन्तोष कुमार, सुरेन्द्र सिंह, अशोक ठाकुर के अलावे सोनाली, शिवानी, सगुन, सिद्धि, ओमजी, अंकित, अपर्णा, आतिफ आदि  का भरपूर योगदान रहा.

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