शिवसागर तालाब के कछुआ एवं मछली को ग्रामीणों ने बनाया शिकार
तालाब का पानी कम होते ही जलीय जीवों को मारने की मची लूट








नेशनल आवाज़/बक्सर :- जिले के सुप्रसिद्ध बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर के प्राचीन शिवसागर तालाब की सफाई का काम शुरू किया गया है. तालाब का पूरा पानी निकलते ही इस तालाब में बरसों पूर्व से रह रहे बड़े-बड़े कछुए एवं मछलियां निकलने लगी. जिसे देख ग्रामीण इनको पकड़ने के लिए सैकड़ो की तादाद में टूट पड़े.


जिसे जो मिला वह लेकर अपने घर की ओर चलते बना. जिस पर किसी भी प्रशासनिक अधिकारी का ध्यान नहीं गया. इस तालाब का सौंदर्यीकरण करने का कार्य किया जाएगा. इसके लिए लगभग 8 करोड़ 87 लाख रुपए का प्राक्कलन तैयार किया गया है. इस मंदिर के आसपास के जगह का सौंदर्यीकरण कार्य पिछले छह महीना से चल रहा है. तालाब का जीर्णोधार करने के लिए इसके तालाब में जमे बरसों से गंदा पानी की निकासी किया गया.जिस तालाब में लगभग सैकड़ो की संख्या में बड़े-बड़े कछुए पाए गए.
जिन कछुओं को ग्रामीण अपने घर लेकर चले गए. बहुत दिनों से इस तालाब में पड़े कछुए बड़े हो गए थे. जिसका वजन लगभग 50 किलो से अधिक था. पर्यावरण संरक्षक विपिन कुमार का मानना है कि किसी भी तालाब या पोखर में कछुए के रहने पर तालाब में अनावश्यक छोटे-छोटे कीड़े मकोड़े नहीं रहते हैं. यह पानी हमेशा स्वच्छ एवं सुंदर बना रहता है. इन कछुए के मारे जाने से आने वाले दिनों में तालाब के पानी पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. समाजसेवी एवं बुद्धिजीवियो का कहना है कि जिन लोगों ने तालाब के कछुओं को शिकार बनाया है. यह कानून अपराध है. ऐसा नहीं होना चाहिए.