रोमांचक खेलों का करतब देखना ना भूले,बच्चों के साथ देखें ग्रेट जेमिनी सर्कस : वेन्यू नायर
नेशनल आवाज़/बक्सर :- शहर में 21 वर्षों बाद आया ग्रेट जेमिनी सर्कस अब यहाँ की यादें समेट 19 मई को आखरी शो के बाद विदा हो जाएगा.आने वाले दिन के लिए शायद एक इतिहास बनकर रह जायेगा.उक्त बातें शहर के जेल पाइन रोड स्थित बुनियादी विद्यालय के पीछे चल रहे ग्रेट जेमिनी सर्कस के प्रबंधक वेन्यू नायर ने कहा.उन्होंने कहा की बक्सर में आखिरी शो 19 मई को खेला जाएगा उसके बाद क्या भरोसा की अब फिर दोबारा कोई सर्कस देख पाएगा या नहीं.उन्होंने कहा की शो खाली जाने की वजह से आनेवाले दिनों में डिस्काउंट कूपन शहर के स्कूलो, कॉलेजो और कोचिंग में वितरण किया जायेगा ताकि वर्तमान पीढ़ी ग्रेट जेमिनी सर्कस देख अपने जीवन में सर्कस को यादगार बना लें.
उन्होंने बताया- इस बार 70 कलाकार यहां परफॉर्म कर रहे है जिसमे लगभग 10 विदेशी कलाकार है.यह कलाकार जिमनास्टिक, रिंग डांस, लगभग 20 फिट ऊंचाई वाले हवाई झूला एवं अन्य कला का भी आर्टिस्ट प्रदर्शन कर रहे है.सर्कस के पुराने कलाकारों में शामिल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले शकील भाई ने कहा की पूरी सर्कस टीम ही हमारा परिवार है.भारत सरकार द्वारा जानवरों पर रोक लगाए जाने के बाद हम लोगों का मनोबल टूटा. अब मोबाइल ने हमलोगों की कला को समाप्ति के कगार पर पहुंचा दिया है.उन्होंने कहा की बचपन से लेकर अब तक लगभग आधा दर्जन सर्कस में हमने कार्य किया है.लेकिन अब हम लोगों को पहले जैसा न दर्शक मिलते है न अब पूछ रह गयी है.
हमारे हर आइटम को देख लोग स्तब्ध रहते थे और दर्शको की तालियां हम कलाकारों का मनोबल बढ़ाता था. शकील ने बताया की पहले सर्कस मालिक हम कलाकारों की बोली लगाते थे लेकिन अब कोई नहीं पूछता है. हमने कश्मीर से कन्याकुमारी तक सर्कस का खेल दिखाया है. जेमिनी सर्कस में सैकड़ो कलाकारों के मार्गदर्शक महाराष्ट्र के जॉर्ज और छाया ने कहा की दर्शक ही कलाकारों के भगवान होते है. आज से लगभग 25 वर्ष पूर्व खेल का शो दर्शकों से भरा होता था. उस वक्त कलाकार को अपनी कला का प्रदर्शन करने में भी काफी जोश रहता था. आज अधिकतर कुर्सियां खाली रह जाती है.