बारुपुर ग्राम कचहरी के महिला सरपंच कस्तूरी देवी व संगरॉव के सीपीआई नेता जय किशुन सिंह का हुआ निधन,सम्मान के साथ निकाली गयी शव यात्रा ,शामिल हुए सैकड़ो लोग





नेशनल आवाज़/बक्सर :- राजपुर प्रखंड के बारुपुर पंचायत के सरपंच कस्तूरी देवी के आकस्मिक निधन पर उन्हें सम्मानपूर्वक शव यात्रा निकालकर श्रद्धांजलि दी गयी.इसके पूर्व इनके पैतृक आवास बारुपुर पहुंचे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदय नारायण राजभर ने इन्हें पुष्प गुच्छ के साथ नम आंखों से श्रद्धांजलि दिया.
उन्होंने कहा कि यह पिछले तीन वर्षों से इस पंचायत के न्यायिक पद पर आसीन रहते हुए गांव स्तर के फैसले को कानूनी रूप से से सुलझाने का काम किया.इनके पति शशिकांत राजभर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के बक्सर जिला प्रभारी हैं.यह एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता है.
इनके साथ कदम मिलाकर महिला अधिकार एवं सम्मान के लिए पंचायती राज व्यवस्था में पहली बार कदम रखा और सरपंच जैसे पद को हासिल कर महिलाओं को गौरव दिलाया.इनका किया गया कार्य हमेशा याद रहेगा.इनके अचानक चले जाने से ग्रामीणों में भी शोक की लहर दौड़ गयी.हर लोगों ने पहुँचकर इन्हें नमन किया.इनके आवास बारुपुर से चौसा शमशान घाट तक शव यात्रा निकाली गई.जिस यात्रा में सुभासपा अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष रंजीत राजभर,हरेंद्र राजभर,जिला अध्यक्ष अजय राजभर ,महासचिव सुनील राजभर, श्रीराम राजभर,रोशन राजभर, सलाहकार दल राजभर के अलावा सैकड़ो लोग शामिल रहे.
गरीबों के पहचान थे जय किशुन उर्फ़ नेताजी

मँगराव पंचायत के संगरॉव गांव निवासी वयोवृद्ध कम्युनिस्ट पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे जयकिशुन सिंह भी अब नहीं रहे. इन्होंने 95 वर्ष की उम्र में बुधवार की शाम को अपने निजी आवास पर अंतिम सांस ली. जिनके निधन की खबर पाते ही हर वर्ग के लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आवास पर पहुंच गए.
जिन्हें सम्मान के साथ फूलमाला से सम्मानित कर अंतिम विदाई दी गई .पंचायत के पूर्व मुखिया मकरध्वज सिंह विद्रोही ने कहा कि एक दौर था जब इस क्षेत्र में कई गंभीर समस्याएं थी. जब लोग हर सुविधाओं से वंचित थे.उस समय कोई भी काम करना काफी मुश्किल होता था.
उस दौर में आम जनों की आवाज बनकर इन्होंने लाल झंडे को लेकर लोगों को जागरूक किया. जब गांव में कम्युनिस्ट पार्टी के चर्चित नेता पहुंचते तो उनके साथ यह भी लाल झंडा लिए क्षेत्र के विभिन्न गांव का दौरा कर उनकी समस्याओं को हल करने में काफी प्रयासरत रहे. जिनका संघर्ष आज भी लोगों के लिए एक कहानी है.इनके शव यात्रा में सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम सिंह, पैक्स अध्यक्ष राजेश सिंह,जदयू नेता दीनदयाल कुशवाहा,पूर्व उप मुखिया हसामुद्दीन अंसारी सहित अन्य सैकड़ो लोग शामिल थे.