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जीवन में हजारों लड़ाइयां जीतने से अच्छा है कि तुम स्वयं पर विजय प्राप्त कर लो : गौतम बुद्ध
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एक अच्छी किताब सौ अच्छे दोस्तों के बराबर होती है,लेकिन एक अच्छा दोस्त पूरे पुस्तकालय के बराबर होता है ।
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अपनी मंजिल का रास्ता स्वयं बनाये
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सबसे महान जीत प्यार की है, यह हमेशा के लिए दिलों को जीतता है ।

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क्रांति की धार विचारों के शान पर तेज होती है । भगत सिंह
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श्रीराम की बाल लीला सुन भाव विभोर हुए श्रद्धालु

नेशनल आवाज़/ बक्सर :- सदर प्रखंड के हनुमत धाम मंदिर कमरपुर में विश्व विख्यात संत नारायण दास भक्तमाली मामा जी महाराज की 17वें पुण्य स्मृति समारोह के दूसरे दिन श्रीराम कथा का रसपान कराते हुए संत स्वामी हयग्रीवाचार्य जी महाराज ने भगवान श्रीराम की बाल लीला प्रसंग सुनाया. जिसको सुनकर भक्त भावविभोर हो गए. इससे पूर्व सुबह से ही रामचरितमानस की सामूहिक अखंड पाठ व भक्तमाल सस्वर गायन का कार्यक्रम चला.

दोपहर में कथा के दौरान महाराज ने कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि बाल चरित हरि बहु बिधि कीन्हा.अति आनंद दासन्ह कह दीन्हा. प्रसंग पर व्यापक प्रकाश डाला.बाल चरित हरि सरल सुहाए. सारद शंभु शेष श्रुति गाए.भगवान् शिव माता पार्वती से कहे बिना काग भुसुंडी के साथ दर्शन कर कैलाश पर्वत पर पहुँचे. अति भाव विभोर देखकर माँ पार्वती ने पूछा, भोले नाथ बड़ा भींगे भींंगे आये है क्या बात है. शंकर जी ने कहा प्रभु का दर्शन कर आ रहा हूँ. पार्वती मैया बहुत नाराज हुई.वह भी आई खिलौना वाली बनकर.मैया मैं आई बड़ी दूर से खिलौना ले लो. सब बालक सखा पुकारे, प्रभु खेलन चलिए द्वारे. अंगनयिया में खेलताड़े रघुबर लला. गुरुदेव के पदों पर आधारित आज की कथा का श्रोताओं ने आंनद में भरकर रसपान किया.कथा के दौरान संस्थापक श्री रामचरित्र दास जी महाराज समेत ग्रामीण भक्त उपस्थित रहे.

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